तमिलनाडु स्तरीय संरक्षणम् कार्यशाला का हुआ आयोजन
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन एवं तेरापंथ महिला मंडल चेन्नई के तत्वावधान में आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि हिमांशु कुमार जी ठाणा 2 एवं साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी ठाणा 4 के सान्निध्य में तमिलनाडु स्तरीय संरक्षणम् कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि हिमांशु कुमार जी ने नमस्कार महामंत्र से किया, तत्पश्चात राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता डागा ने संरक्षणम् लोगो का अनावरण किया। महिला मंडल की बहनों ने सुंदर स्वर लहरी के साथ मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। साध्वीप्रमुखाश्री जी के संदेश का वाचन राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य शशिकला नाहर ने किया। स्थानीय मंडल अध्यक्ष लता पारख ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता डागा एवं राष्ट्रीय टीम के साथ सभी भाई- बहनों का स्वागत- अभिनन्दन कर मुनि हिमांशु कुमार जी ठाणा-2 एवं साध्वी गवेषणाश्री जी ठाणा- 4 के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा आपके मार्गदर्शन से संरक्षणम् कार्यशाला का भव्य आयोजन चेन्नई की धरा पर हो सका। तेरापंथ सभा चेन्नई अध्यक्ष अशोक खतंग ने सभी का स्वागत करते हुए महिला मंडल की टीम को कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी।
चेन्नई से राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य माला कातरेला एवं दीपा पारख ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता डागा का परिचय दिया। मुख्य वक्ता वीणा बैद का परिचय उपाध्यक्ष अलका खटेड ने तथा राष्ट्रीय प्रचार -प्रसार मंत्री सरिता बरलोटा का परिचय हेमलता नाहर ने दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता डागा ने कहा - हमें संस्कारों की जड़ से जुडकर रहना है तभी हम अपनी संस्कृति की रक्षा कर पाएंगे। हमारा मूल लक्ष्य है - संवर्धन, यानी हमें अपना विकास करते रहना है। गुरु इंगित शनिवार की सामायिक हम करेंगे तो हमारे बच्चे भी करेंगे। आज की युवापीढ़ी को धर्म से जोड़कर रखना बहुत जरूरी है तभी वो अपनी संस्कृति से जुड़कर रहेंगे। राष्ट्रीय प्रचार -प्रसार मंत्री सरिता बरलोटा ने कहा- संस्कार हमें अपनी धरोहर से जोड़कर रखता है, इसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। मुख्य वक्ता पूर्व महामंत्री वीणा बैद ने अपने वक्तव्य में कहा- हमें अपनी संस्कृति पर गौरव होना चाहिए। नारी घर-परिवार के साथ इस मंच को भी संभालती है, समाज में समय देती है पर यह बात पुरूष वर्ग बोले या गुरु बोले तो हमें खुशी होती है। संस्कार और संस्कृति की रक्षा हम नहीं करतें हैं वो हमारी रक्षा करते हैं।
मुनि हिमांशु कुमार जी ने उद्बोधन देते हुए कहा कि समूह के रूप में जो स्वीकार की जाती है उसे संस्कृति कहा जाता है और जो व्यक्ति के द्वारा स्वीकार किया जाता है वो संस्कार होता है। सैनिक देश की रक्षा करता है, बेटा परिवार की विरासत की रक्षा करता है। आज आधुनिकता के चक्कर में हम हमारी संस्कृति और संस्कारों से दूर हो रहें हैं। हमें संस्कारों के साथ जीवन को जीना है, खानपान में सुधार जरूरी है, सात्विक भोजन करना है, रात्रि भोजन का त्याग रखना है, तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे। हमें प्रदर्शन, फैशन और व्यसन से दूर रहना है। मुनि हेमंत कुमार जी ने कहा- बहुत सारे संस्कार एक साथ मिल जाते हैं तो संस्कृति का रूप ले लेते हैं। नारी को हमेशा सम्मान मिलना चाहिए, हमारी बहनें आगे बढ रही हैं पर साथ में धर्म से भी जुडकर रहना है, तभी हमारी संस्कृति से हम जुड़े रहेंगे। साध्वी गवेषणाश्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि पाश्चात्य संस्कृति सिखाती है खाओ-पीओ, मौज करो और होटल में रहो पर भारतीय संस्कृति सिखाती है जीओ तो ऐसे जीओ कि शांति से मर सको। साध्वी दक्षप्रभा जी ने गीतिका का संगान किया। मुख्य अतिथि इनकमटैक्स ओफिसर कोमल ने अपने विचारों की प्रस्तुति दी।
राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य अनिता बरडिया ने सुंदर तरीके से अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की चारों योजनाओं को समझाया और महिला मंडल की गतिविधियों की जानकारी दी। चेन्नई तेरापंथ महिला मंडल ने संस्था, संस्कार और संस्कृति विषय पर बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के संचालन में कोषाध्यक्ष पूनम छाजेड, सहमंत्री वंदना पगारिया एवं प्रचार-प्रसार मंत्री रानी मांडोत का विशेष सहयोग रहा। चेन्नई तेरापंथ सभा अध्यक्ष अशोक खतंग, तेयुप अध्यक्ष संदीप मुथा, टीपीएफ अध्यक्ष बबीता चोपड़ा, साहुकारपेट सभा भवन ट्रस्ट अध्यक्ष विमल चिपड, चेन्नई जैन महासंघ अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया एवं अनेक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन मंत्री हेमलता नाहर और दित्तीय सत्र का संचालन उपाध्यक्ष रिमा सिंघवी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजिका रिमा सिंघवी, अलका खटेड, कंचन भंडारी, उषा धोका का सराहनीय सहयोग रहा। धन्यवाद ज्ञापन सह मंत्री कंचन भंडारी एवं प्रचार प्रसार मंत्री उषा धोका ने दिया। चेन्नई महिला मंडल की पूर्व अध्यक्ष मंजु बोकडिया का महिला मंडल की बहनों द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेश खटेड (उत्सव इवेंट) का विशेष सहयोग रहा।