आध्यात्मिक मंगल मिलन समारोह

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आध्यात्मिक मंगल मिलन समारोह

दिल्ली से विहार कर सिवांची मालाणी की ओर विहार कर रही साध्वी अणिमाश्री जी का ग्रीन पार्क में विराजमान ‘शासनश्री’ साध्वी संघमित्रा जी से श्रद्धा गोयल निवास में आध्यात्मिक मंगल मिलन हुआ। वात्सल्य एवं विनय का अद्भुत नजारा देखकर अभ्यागत श्रावक भाव-विभोर हो गए। ‘शासनश्री’ साध्वी संघमित्रा जी ने अपने उद्बोधन में कहा तेरापंथ धर्म संघ एक महासागर है जिसमें श्रद्धा, भक्ति, समर्पण, वात्सल्य एवं विनय रूपी नदियों का संगम होता है। इस दुर्लभ समागम से तेरापंथ धर्मसंघ भव्यातिभव्य बन रहा है। आज ग्रीन पार्क में धर्मसंघ की दो धाराओं का संगम हुआ है। साध्वी अणिमाश्री जी ज्ञान की देदीप्यमान दीपशिखा है, श्रम की जलती मशाल है। मर्यादा व अनुशासन की जीवन्त कहानी है। उन्होंने अपने श्रम से दिल्ली में अच्छा नाम कमाया है। दिल्ली वासियों के दिल में स्थान बनाया है। उन्होंने आपने कर्तृत्व से संघ प्रभावना के महनीय कार्य किए हैं। अपनी सहवर्तिनी साध्वियों को भी अच्छा तैयार किया है। अब सिवांची मालाणी की ओर प्रस्थान कर रही हैं। तुम्हारी यात्रा मंगलमय हो, धर्म संघ की प्रभावना करने वाली हो। नए इतिहास का सृजन करें, संघ एवं संघपति की गौरववृद्धि हो यही मेरी शुभाषंशा है।साध्वी अणिमाश्री जी ने अपने भावों को व्यक्त करते हुए कहा- आज हम शासनश्रीजी से आशीर्वाद लेने के लिए आए हैं। आप हमारे धर्मसंघ की वैदुष्यरत्ना साध्वीश्री जी हैं। आपने अपने नवोन्मेषी चिंतन, कार्यकुशलता एवं कर्मठता से गुरुत्रय की अपार कृपा प्राप्त की है। आपकी मस्तिष्कीय स्फुरणा ने ज्ञान मोतियों को आभामंडित किया है। आपकी सुघड़ लेखनी ने धर्मसंघ के साहित्य भंडार को समृद्ध बनाया है । आपकी प्रतिभा हम सबके लिए प्रणम्य है। उम्र के इस पड़ाव में भी आप सक्रिय बने हुए हैं। हम यहीं मंगलकामना करते है कि आप निरामय रहकर लंबे समय तक संघ की सेवा करते रहें। ‘शासनश्री’ साध्वी शीलप्रभाजी की सेवाभावना एवं गायन कला बेजोड़ है। ‘शासनश्री’ साध्वी शीलयशाजी, साध्वी समाधिप्रभाजी, साध्वी सूरजप्रभाजी, साध्वी ओजस्वीप्रभाजी ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। साध्वी कर्णिकाश्रीजी, साध्वी डॉ. सुधाप्रभाजी साध्वी समत्वयशाजी एवं साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभाध्यक्ष सुशील पटावरी, महिला मंडल अध्यक्ष शिखा बैद, पुखराज सेठिया ने अपने भावों की प्रस्तुति दी।