श्रमणधर्म को प्राप्त करने वाला हो जाता है धन्य-धन्य : आचार्यश्री महाश्रमण
वर्तमान के वर्धमान, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी ने अपनी धवल सेना के साथ मोरबी जिले की सीमा को पार कर कच्छ जिले में मंगल प्रवेश किया। लगभग 14 किलोमीटर का विहार कर पूज्य प्रवर कच्छ जिले के शिकारपुर गांव के आदिनाथ जैन देरासर परिसर में पधारे। आचार्यश्री के कच्छ पदार्पण के संदर्भ में कच्छ और भुज के श्रद्धालु काफी संख्या में उपस्थित थे। अमृत देशना प्रदान कराते हुए पूज्यप्रवर ने फरमाया कि ज्ञानी और बहुश्रुत व्यक्तियों से हमें ज्ञान प्राप्त हो सकता है। शास्त्र में कहा गया है कि बहुश्रुत की पर्युपासना करें, प्रश्न करें तथा अर्थ विनिश्चय करें। पूछने से ज्ञान स्पष्ट हो सकता है। स्वाध्याय के पांच प्रकारों में दूसरा प्रकार है- पृच्छना। आदमी कोई प्रश्न पूछता है और उसका अच्छा समाधान मिलता है तो उसका ज्ञान पुष्ट हो जाता है।
प्रश्न हो सकता है कि बहुश्रुत की पर्युपासना क्यों करें? उत्तर दिया गया कि श्रमण धर्म को पाने के लिए बहुश्रुत की उपासना करें। इससे इहलोक और परलोक का हित होता है, सुगति की प्राप्ति होती है। साधुत्व की प्राप्ति एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि केवल मानव जीवन में हम आध्यात्मिक विकास और साधुत्व प्राप्त कर सकते हैं। श्रमणधर्म को प्राप्त करने वाला धन्य-धन्य हो जाता है क्योंकि वह किसी-किसी मनुष्य को ही प्राप्त होता है।
पूज्यप्रवर ने आगे फ़रमाया कि साधुओं का सहयोग मिले तो वैराग्य जागृत हो सकता है। जीवन की दिशा और दशा बदल सकती है। ज्ञानी गुरू से ज्ञान मिल सकता है और अगर आत्मा रूपी लोहे के संयम रूपी पारस लग जाए तो आत्मा सोने जैसी निर्मल बन सकती है। आचार्य श्री ने आगे बताया कि श्रमण धर्म बड़ा हितकर है। सम्यक्त्व मिल जाए, श्रमण धर्म मिल जाए, यह अनन्त काल की बड़ी उपलब्धि हो सकती है। यह श्रमण धर्म हमारे रोम-रोम में रम जाए। अध्यात्म से जुड़े रहें तो कल्याण की दिशा में गति हो सकती है।
आचार्य श्री ने जैन धर्म के सिद्धांतों कि चर्चा करते हुए बताया कि इस लोक में एक समय में कम से कम 20 तीर्थंकर और उत्कृष्ट 170 तीर्थंकर रहते ही हैं और यह दुनिया के लिए बड़ी बात होती है। वर्तमान में हमारी भूमि पर तीर्थंकर तो नहीं है पर जो मार्गदर्शक मिलते हैं, उनसे प्रेरणा पा धर्म के पथ पर, अध्यात्म के मार्ग पर गतिमान रहने का प्रयास करें। कच्छ मित्र पत्र अखबार के कई सदस्य पूज्यवर की सन्निधि में पहुंचे। अखबार के मैनेजिंग डाइरेक्टर मुकेश जैन एवं दीपक मांकड़ ने पूज्यवर के स्वागत में अपनी भावना अभिव्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेशकुमारजी ने किया।