प्रेक्षाध्यान के प्रयोगों से जीवन में बदलाव संभव
आचार्य श्री भिक्षु समाधि स्थल संस्थान सिरियारी में तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम एवं प्रेक्षा फाउण्डेशन के संयुक्त तत्त्वावधान में दो दिवसीय आवासीय शिविर का आयोजन मुनि धर्मेशकुमार जी के मार्ग दर्शन में आयोजित हुआ। इस अवसर पर टी.पी. एफ. गौरव दिल्ली से समागत के.सी. जैन द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया गया। मुनि धर्मेशकुमार जी ने उपस्थित टी.पी.एफ. सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा- प्रेक्षा ध्यान के प्रयोगों से जीवन में बदलाव संभव है। इसके लिए सम्यक् मार्गदर्शन और सघन अभ्यास की आवश्यकता है। जीवन में भावक्रिया, प्रतिक्रिया विरति, भोजन पर नियंत्रण, मित भाषण, साधना में गतिशीलता तथा समीचीन प्रयोग किए जाएं। दिशा बोध से दशा में भी बदलाव हो सकता है। मुनि चैतन्य कुमारजी 'अमन' ने अपने वक्तव्य में कहा- तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम शिक्षित व्यक्तियों का एक विशेष मंच है, जिसमें डॉक्टर्स, वकील आदि उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति जुड़े हुए सदस्यों का समवाय है।
मुनि अमन ने आगे कहा- जीवन में अनमोल मंत्र है - आनंद और खुशी में किसी से वचनबद्ध नहीं होना, क्रोध अवस्था उत्तर नहीं देना तथा दुःखी अवस्था में कोई विशेष निर्णय नहीं लेना। राजा दशरथ द्वारा दिए गए वचन से श्रीराम को वनवास में जाना पड़ा। उसी प्रकार क्रोध और दुःखी अवस्था में लिया निर्णय स्वयं के लिए खतरनाक साबित हो जाता है। इस अवसर पर संस्थान की ओर से उपाध्यक्ष उत्तमचंद सुखलेचा ने के.सी. जैन का स्वागत किया गया। शिविर में दिल्ली, भीलवाड़ा, जोधपुर आदि क्षेत्रों से लगभग 25 सदस्यों ने भाग लिया। टी.पी.एफ. के स्पिरिचुअल कार्यक्रम चैयरमेन डॉ. दिनेश धोका ने शिविरार्थियों का स्वागत करते हुए टी.पी.एफ. की गतिविधियों के बारे में बताया। अनिता जैन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन सपना जैन ने किया।