गण ये हमारा हमारी पहचान

गण ये हमारा हमारी पहचान

गण के थे हम, गण के रहें, गण के रहेंगे हम,
हर सांस में, हर आस में, जब तक रहेगा दम।
गण ये हमारा, हमारी पहचान,
चमन ये हमारा, हम इस पे कुर्बान।।
वंदे शासनम् वंदे शासनम् वंदे शासनम्।
1. मर्यादा की दीवारें इस संघ भवन की रक्षक हैं,
अनुशासन की छत इस गण की हर पल स्वयं निरीक्षक है।
विनय समर्पण से अभिमंडित ईंट-ईंट इस गण की,
संविभाग का परकोटा शोभा इस नंदनवन की।
कहते थे हम, कहते रहें, कहते रहेंगे हम,
गण वर्धमान है प्रवर्धमान महिमा न होगी कम।।
2. ओजस्वी नेतृत्व संघ यश को नभ तक पहुंचाए,
घोर तपस्वी संत सती गण नीवों को गहराए।
शासन रक्षक सुरगण चिंहुदिशि नंदीघोष बजाए,
जय-जय नंदा जय-जय भद्दा नभ धरती गुजाएं।
सुनते थे हम, सुनते रहें, सुनते रहेगे हम,
गण वर्धमान है प्रवर्धमान महिमा न होगी कम।।
3. 'आसासो विसासो' भैक्षव गण हम सबकी शान है,
संघ शरण, गति और प्रतिष्ठा हम सबका अरमान है।
'चएज्ज देहं न हु धम्म शासणं' नस-नस में रम जाए,
लहू के कतरे-कतरे में, गुरु भक्ति रस घुल जाए।
गाते थे हम, गाते रहें, गाते रहेंगें हम,
गण वर्धमान है प्रवर्धमान महिमा न होगी कम।।
तर्ज - वतन ये हमारा