नववर्ष पर संजोये आध्यात्मिक संकल्प

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नववर्ष पर संजोये आध्यात्मिक संकल्प

नव वर्ष की मंगल प्रभात में प्रथम बार मकराना की धरा पर नववर्ष का वृहद् मंगलपाठ जन-जन के आकर्षण का केन्द्र बन रहा था। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी गुप्तिप्रभाजी के सान्निध्य में नववर्ष का कार्यक्रम आयोजित हुआ। 'कैसा हो हमारा जीवन' और कैसे संजोए संकल्प' विषयों पर प्रेरणा देते हुए साध्वीश्री ने कहा हमारे जीवन में 5 पी का होना महत्वपूर्ण है। 5 पी हैं - प्लेज़र, पोस्ट, प्रोस्पेरिटी, प्रॉपर्टी और पॉपुलर होना। परन्तु यदि जीवन में Peace और Purity नहीं है तो वह Punishment का कारण बन जाता है। साध्वी श्री ने उपशम की साधना पुष्ट हो इसलिए संपूर्ण जनमेदिनी को 'उवसमेण हणे कोsहं' की प्रतिदिन 1 माला फेरने का संकल्प कराया।
'शिव संकल्प मस्तु मे मनः' की प्रेरणा देते हुए साध्वी कुसुमलताजी ने कहा- यह जीवन एक प्रश्न है, इसे कैसे हल करें? इसके लिए संकल्प, अभ्यास और एकाग्रता की आवश्यकता है। नया जोश और नव उमंग भरते हुए साध्वी मौलिकयशाजी एवं साध्वी भावितयशाजी 'नए सूर्य की अगवानी में' शब्दचित्र तथा 'जीवन की कहानी सुन्दर हो' सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी। तेरापंथ महिला मंडल, बोरावड़ ने कार्यक्रम का मंगलाचरण किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी भावितयशाजी ने किया। तेरापंथी सभा मकराना अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन, तेरापंथी सभा बोरावड़ अध्यक्ष नेमीचंद गेलड़ा, महिला मंडल अध्यक्षा हर्षा जैन, स्थानकवासी सभा अध्यक्ष ज्ञानचंद नाहटा आदि के साथ श्रावक समाज की सराहनीय उपस्थिति रही।