समाधिमय जीवन का वरदान है प्रेक्षाध्यान
साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष के अवसर पर टेगौर नगर में पाँच घण्टे का प्रेक्षा ध्यान शिविर आयोजित किया गया। योग प्रशिक्षक राम मेहर ने शिविरार्थियों को रोचक प्रशिक्षण दिया। शिविर में अच्छी संख्या में भाई बहनों ने भाग लिया। साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा - परम पूज्य गुरूदेवश्री ने इस वर्ष को प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष के रूप में घोषित किया है। प्रेक्षाध्यान आचार्य महाप्रज्ञजी का न सिर्फ जैन जगत को बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति को अनमोल उपहार है। प्रेक्षाध्यान एक ऐसी संजीवनी बूटी है, जिसे लेकर व्यक्ति व्याधिमुक्त बन सकता है। प्रेक्षाध्यान एक ऐसा टॉनिक है जिसे लेकर व्यक्ति ऊर्जावान एवं शक्तिसंपन्न बन सकता है। प्रेक्षाध्यान समाधिमय जीवन का वरदान है। साध्वीश्री ने कहा हम नारे तो बहुत लगाते हैं कि 'कैसे बदले जीवन धारा - प्रेक्षाध्यान साधना द्वारा।'
हम सिर्फ नारा ही नहीं लगाए बल्कि ध्यान साधना के द्वारा अपनी लाईफ स्टाइल को भी बदलें। आज की भागमभाग की लाईफ में व्यक्ति तनाव ग्रस्त बन रहा है, कुंठा, निराशा हताशा बढ़ती जा रही है। इन सब बीमारियों का समूल नाश ध्यान के द्वारा ही हो सकता है। आज हम अपने संकल्प को जागृत करें एवं ध्यान को जीवनशैली का अंग बनाएं। भाई राम मेहर ने बेहतरीन प्रशिक्षण देकर ध्यान की उपयोगिता को सिद्ध किया है। डॉ. साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा हमारा मस्तिष्क इच्छापूर्ति वृक्ष की तरह है। ध्यान के द्वारा हम अपने मस्तिष्क की सक्रियता को और अधिक बढ़ा सकते हैं। साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने कार्यक्रम का संचालन किया। योग प्रशिक्षक राम मेहर ने आसन, प्राणायाम एवं ध्यान का व्यवस्थित प्रशिक्षण दिया। सेठिया परिवार की बहनों ने मंगल संगान किया। सभा उपाध्याक्ष सुरेन्द्र सेठिया, तेयुप जयपुर के पूर्व अध्यक्ष राजेश छाजेड़ ने विचार व्यक्त किए।