सद्संस्कारों से करें विद्यार्थियों का जीवन निर्माण
महाप्रज्ञ विद्यानिधि फाउण्डेशन द्वारा संचालित महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी-गण की संगोष्ठी साध्वी प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में रखी गई। साध्वीश्री ने कहा- एक महामानव, महायोगी के अभिधान से जुड़ा यह विद्यालय सौभाग्यशाली है। बौद्धिक और शारीरिक विकास के साथ मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य अत्यावश्यक है। ज्ञान के साथ विवेक चेतना जागृत रहे। बाल अवस्था सद्संस्कार प्राप्त करने की है। हर विद्यार्थी का लक्ष्य उन्नत होना चाहिए। बाल जीवन निर्माण में अभिभावक एवं शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिन संस्कारों में इन्हें ढाला जाएगा, ढल जाएंगे। साध्वीश्री ने कहा की पुस्तकीय ज्ञान के साथ जीवन विज्ञान और प्रेक्षाध्यान के सिद्धान्त और प्रयोग बच्चों के लिए कारगर सिद्ध हो सकतें हैं। उन्होंने उपस्थित विद्यालय परिवार को कायोत्सर्ग, मुद्रा, ध्यान आदि अनेक प्रयोग भी करवाए। साध्वीश्री ने समस्त विद्यार्थियों से डिजिटल डिटॉक्स अपनाने की बात कही। साध्वीश्री की प्रेरणा से उपस्थित विद्यार्थियों एवं शिक्षिकाओं ने डिजिटल डिटॉक्स के नियमों को स्वीकार किया। इस अवसर पर साध्वी डॉ. चैतन्यप्रभा जी ने अपने वक्तव्य में कहा आत्मानुशासन सफलता का राज है। कार्यक्रम में स्कूल प्रिंसिपल एवं स्कूल की प्रशिक्षिकाओं की उपस्थिति रही। प्रशिक्षकाओं ने साध्वीश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।