
पंचम मासिक ध्यान शिविर का आयोजन
आचार्य श्री भिक्षु समाधि स्थल संस्थान सिरियारी एवं प्रेक्षा फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में पंचम मासिक प्रेक्षा ध्यान शिविर का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुनि धर्मेशकुमार जी ने शिविरार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा- आन्तरिक सम्पदा को पुष्ट करने का साधन है- प्रेक्षाध्यान। अध्यात्म और संयम का मार्ग गन्तव्य की ओर बढ़ाता है। जैसे सूर्य की किरणों को एक स्थान पर केन्द्रित कर अग्नि पैदा की जा सकती है। वैसे ही ध्यान साधना के प्रयोगों से लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है, बशर्ते मार्गदर्शन और अभ्यास की निरन्तरता हो। मुनि चैतन्यकुमार जी 'अमन' ने अपने वक्तव्य में कहा- सकारात्मक सोच एवं अनासक्त चेतना का जागरण ध्यान के प्रयोगों से ही संभव है। जब व्यक्ति जीवन में तामसिक वृत्तियों पर नियंत्रण करता है तभी ध्यान की फलश्रुति संभव है। ध्यान साधना करने की कोई उम्र विशेष नहीं होती जब भी व्यक्ति के मन में जिज्ञासा भाव जागृत होता है तभी उसे ध्यान साधना में लग जाना चाहिए। कार्यक्रम में सुनीला नाहर, उषा जैन, हनुमान बरड़िया ने साधक-साधिकाओं को उद्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन गौरव जैन ने एवं संस्थान की ओर से आभार महावीर सिंह ने ज्ञापित किया।