आत्मा के अलावा सभी पदार्थ हैं नश्वर

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आत्मा के अलावा सभी पदार्थ हैं नश्वर

आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि सुमति कुमार जी ने तेरापंथ भवन में संथारा साधिका मगनी देवी बोथरा की गुणानुवाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मा के अलावा सभी पदार्थ—धन, दौलत, संसार की सभी वस्तुएं और शरीर—नाशवान हैं। शरीर का महत्व केवल आत्मा के रहने तक ही है। आत्मा के निकलते ही शरीर मिट्टी बन जाता है। हमें धर्म की साधना करनी चाहिए और धर्ममय जीवन व्यतीत करना चाहिए, क्योंकि धर्म ही आत्मा के साथ जाता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को एक दिन परलोक में जाना है, जहां कोई संगी-साथी या रिश्तेदार नहीं होंगे, केवल धर्म ही साथ जाएगा। इसलिए हमें सदैव जागरूक रहकर प्रतिदिन धर्म आराधना करनी चाहिए। मुनि श्रेयांस कुमार जी ने गीतिका का संगान किया। गुणानुवाद सभा में राजेंद्र बोथरा और संतोष बोथरा सहित बोथरा परिवार ने गीतिका के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।
तेयुप मंत्री भरत गोलछा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष भंवरलाल सेठिया, तेरापंथी सभा से कमल भंसाली, महिला मंडल की अध्यक्ष संजु लालाणी, पीयूष लूणिया और फतेह चंद सामसुखा ने संथारा साधिका मगनी देवी बोथरा को भावांजलि अर्पित की और दिवंगत आत्मा की आध्यात्मिक उन्नति की कामना की। सभा के उपाध्यक्ष पवन छाजेड़ ने आचार्य श्री महाश्रमण जी के संदेश का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा के कार्यकारिणी सदस्य पीयूष लूणिया ने किया।