
मर्यादा महोत्सव : सेवा और समरसता का है संगम
मुनि जिनेशकुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ के 161वें मर्यादा महोत्सव के त्रिदिवसीय कार्यक्रम के भव्य शुभारंभ समारोह का आयोजन टॉलीगंज श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा द्वारा दसाणी स्टूडियो में किया गया। इस अवसर पर 'मानवीय संबंधों की समरसता में सेवा की भूमिका' विषय पर जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मुनि जिनेशकुमार जी ने कहा— 'मानवीय संबंधों की दुनिया में जीने वाले व्यक्ति के लिए समरसता का होना अत्यंत आवश्यक है। समरसता के अभाव में संबंध तो होते हैं, लेकिन उनमें स्नेह, सुख, आत्मीयता और प्रेम का अभाव रहता है। मानवीय संबंधों में समरसता बनाए रखने के लिए सेवा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। जहाँ संबंधों में सेवा की भावना जुड़ती है, वहाँ संबंध मजबूत और मधुर हो जाते हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ के प्रणेता आचार्य भिक्षु ने सेवा पर विशेष बल दिया। सेवा के गुण की बदौलत ही तेरापंथ आज भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है। सेवा एक वशीकरण मंत्र है, यह परम धर्म, आभ्यंतर तप, पूर्व जन्म की पुण्याई और वर्तमान की जागरूकता का प्रतीक है। निरवद्य सेवा के माध्यम से कर्म निर्जरा होती है, समाधि प्राप्त होती है, और सम्मान एवं प्रतिष्ठा बढ़ती है।
मुनिश्री ने कहा कि सेवा निःस्वार्थ भाव से, बिना नाम और यश की कामना के, निर्मल भावों से करनी चाहिए। तेरापंथ धर्मसंघ में सेवा को अत्यधिक महत्व दिया गया है, और प्रत्येक व्यक्ति को सेवा के लिए सदैव प्रस्तुत रहना चाहिए। इस अवसर पर मुनि परमानंद जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा— सेवा और परस्पर सहयोग परिवार एवं समाज को सशक्त बनाते हैं। सेवा की शुरुआत बाहर से नहीं, बल्कि घर से होनी चाहिए। जब सेवा ज्ञानयुक्त होती है, तो वह और अधिक फलदायी बनती है। मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। टॉलीगंज श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अशोक पारख ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर पार्षद मिताली बनर्जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
दसाणी स्टूडियो के मालिक अमिताभ दसाणी और उनके परिवार की महिलाओं ने गीत और वक्तव्य के माध्यम से अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल, टॉलीगंज के मंगलाचरण से हुआ। सभा के मंत्री राजीव दुगड़ ने आभार व्यक्त किया। सभा द्वारा अतिथियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभा, तेरापंथ युवक परिषद और तेरापंथ महिला मंडल का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर बृहत्तर कोलकाता से बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।