“जानो मानो पहचानो’’ कार्यशाला का आयोजन

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राजाजीनगर।

“जानो मानो पहचानो’’ कार्यशाला का आयोजन

साध्वी संयमलताजी के सान्निध्य में 'जानो मानो पहचानो’ कार्यशाला की शुरुआत साध्वीश्री के नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुई। साध्वीश्री ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा- जीवन का आनंद कहीं बाहर नहीं बल्कि मनुष्य के अपने ही भीतर है। मनुष्य निज की खोज, निज की पहचान, निज का प्रकाश और निज का ज्ञान करके अपने जीवन को सफल बनाएँ। मनुष्य को बाहरी स्वच्छता का ध्यान प्रतिक्षण रहता है, परंतु वह भीतर जन्मों से जमे हुए क्रोध, मान, लोभ के कचरे को साफ़ करने का प्रयास नहीं करता। मूर्च्छा को तोड़ आत्मसाधना के प्रति सजग बने।
साध्वीश्री ने हाजरी का वाचन करते हुए मर्यादा व आज्ञा से संबंधित इतिहास के प्रेरक प्रसंग सुनाए। साध्वी मार्दवश्रीजी ने कहा भीतर में लगे कैमरे से व्यक्ति अपनी फोटो खींच कर उसी के अनुरूप एक्शन करने का प्रयास करते हुए आत्मा की उन्नति करे। चारों साध्वियों ने लेखपत्र का वाचन किया। जुगराज श्रीश्रीमाल ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन करवाया। इस अवसर पर राजाजीनगर सभा अध्यक्ष अशोक चौधरी, युवक परिषद अध्यक्ष कमलेश चौरड़िया, महिला मंडल अध्यक्ष उषा चौधरी के साथ श्रावक समाज की अच्छी उपस्थिति रही।