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मासखमण तप अभिनंदन समारोह
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा, गंगाशहर के तत्वावधान में बोथरा भवन, गंगाशहर में मासखमण तप अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती, उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी के सान्निध्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर सुरेंद्र कुमार भूरा की 31 दिवसीय तपस्या पूर्ण हुई। तप की अनुमोदना करते हुए मुनि कमल कुमार जी ने कहा कि तपस्या केवल उच्च मनोबल से ही संभव है। यह आत्मा को मोक्ष की ओर अग्रसर करती है और पापकर्मों को क्षीण करती है। तपस्या न तो किसी से प्रतिस्पर्धा का विषय है, न ही यह किसी की देखा-देखी की जा सकती है। मुनि श्री ने आगे कहा कि सुरेंद्र भूरा का परिवार समय-समय पर तपस्या में लीन रहता है। वे साध्वी ईला कुमारी जी के सहोदर भाई हैं। मुनि श्री ने बताया कि सुरेंद्र ने पूर्व में संकल्प लिया था कि इस प्रवास काल में एक बड़ी तपस्या करूँगा, जिसे आज उन्होंने पूर्ण कर धर्मसंघ की गरिमा और गौरव को बढ़ाया है। साथ ही उन्होंने आत्मकल्याण के मार्ग में एक महत्वपूर्ण कदम भी बढ़ाया है। मुनिश्री ने तपस्वी को वैराग्य भावना को प्रबल करते हुए दीक्षा लेने का संकल्प करने का सुझाव भी दिया।
इससे पूर्व, हनुमान जयंती के अवसर पर मुनि श्री ने बजरंगबली नाम की महिमा का वर्णन किया और सती अंजनी माता के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। साथ ही मुनि गणेश कुमार जी द्वारा रचित ‘पवनपुत्र चालीसा’ का संगान भी किया । मुनि श्री ने सुरेंद्र भूरा की तपस्या के उपलक्ष्य में गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम के दौरान तेरापंथ सभा की ओर से साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभा जी का संदेश सभा के कार्यकारिणी सदस्य हनुमानमल सेठिया द्वारा वाचन किया गया। सभा की ओर से माणकचंद सामसुखा, कमल भंसाली एवं हनुमान सेठिया ने तपस्वी सुरेंद्र भूरा को प्रशस्ति पत्र भेंट कर उनकी तपस्या की अनुमोदना की।