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2624वें भगवान महावीर जन्म कल्याणक पर श्रद्धासिक्त कार्यक्रम
तीर्थंकर भगवान महावीर का 2624वां जन्म कल्याणक दिवस मुनि मोहजीत कुमार जी के सान्निध्य में श्री जैन संघ एवं तेरापंथी सभा के तत्वावधान में जैन स्थानक कांचीपुरम में आयोजित किया गया। भगवान महावीर का जन्म भारतीय संस्कृति में अहिंसा, अनेकान्त और अपरिग्रह की चेतना के जागरण का जन्म है, आत्म उत्थान की प्रेरणा का जन्म है, विज्ञान जगत के लिए खोज का जन्म है। भगवान महावीर ने कहा था - अप्पणा सच्च मेसेज्जा - स्वयं सत्य खोजो। आज का मानव पर की खोज में संलग्न है। उसका चिन्तन पदार्थ जगत के साथ जुड़ा हुआ है। ऐसे भगवान महावीर की आज के युग में अतीव प्रासंगिकता है। उन्होंने जो सिद्धान्त दिये वे केवल सुनने-पढने तक ही सीमित न रहे। भगवान महावीर का जीवन निष्पृह और जागरूक था। उनके जीवन में अनेकों कष्ट आए पर वे समभाव और सहिष्णुता के साथ उन्हें तिरोहित करते गए। आज के इस प्रसंग पर उनके कथनों को जीवन का अंग बनाने का प्रयास करें। ये विचार महावीर जन्म कल्याणक दिवस पर मुनि मोहजीत कुमार ने प्रकट किए। समारोह में मुनि जयेश कुमार जी ने कहा कि महावीर का दर्शन परम वैज्ञानिक है। भगवान आत्मदर्शन, पुरुषार्थ दर्शन की अटल ऊंचाईयों और गहराइयों को प्रकट किया, जहाँ तक आज का विज्ञान जगत पहुंचने का प्रयास कर रहा है। भगवान महावीर के द्वारा प्रतिपादित तत्वदर्शन विराटता और सूक्ष्मता से अभिमंडित है। समारोह का शुभारम्भ नमस्कार महामन्त्र एवं महावीर वन्दना से हुआ। तेरापंथ महिला मण्डल कांचीपुरम ने संगान किया। सभा अध्यक्ष इन्द्रचन्द धोका तथा जैन संघ की ओर से चैनराज जैन ने स्वागत किया। युवक परिषद के युवकों ने महावीर स्तुति, जैन समाज की ओर से ऋषभ जैन ने श्रद्धार्पण भाव प्रकट किए। सभा मंत्री राजेश गादिया ने आभार प्रकट किया। किलपॉक, चेन्नई के सभा मंत्री विजय सुराणा ने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन मुनि भव्यकुमार जी ने किया।