
रचनाएं
दमके दुनिया में देखो
दमके दुनिया में देखो, नेमां रो दुलारोऽऽऽ
देश विदेशां थांरों नाम प्रख्यात हो,
हो म्हारां पुण्य प्रपात हो, हो म्हारा शासननाथ हो।।
1. महाश्रमण रे जन्मोत्सव पर, खुशियां रा उठै है ज्वार,
दिव्य पुरुष अवतारी, खोल्या रिद्धि-सिद्धि रा द्वार।
हो गुरुवर! तहदिल स्यूं करां, श्रद्वा सुमनां री बरसात हो।।
2. कोमल चरणां स्यूं चलकर भारत भूमि है नापी,
श्रम बूंदा स्यूं तिमिर भगायो, प्रभुवर है परतापी।
हो गुरुवर! भव-भव उपकार नहीं भूलां, जग विख्यात हो।।
हो गुरुवर! स्माईल मूरत प्यारी, जग विख्यात हो।।
3. जय-जय ज्योतिचरण, जय महाश्रमण, जपो सब नर नारी,
विघ्न विनाशक संकट मोचक, भव-भय भंजक मनहारी।।
हो गुरुवर! जुग-जुग जीओ विजय वरो, झूमर अंगजात हो।।
लय - श्रद्वा स्वीकारो