
रचनाएं
सोनेलो इतिहास बणायो
मदनश्री जी सोनेलो इतिहास बणायो।
अनशन कर जीवन में भारी लाभ कमायो।।
जन्म लियो वीर भूमि में, बैद कुल री खिलगी क्यारी,
अनुपम सरलता थांरी, थे हा सतिवर मृदु व्यवहारी।
ज्योर्तिमय जीवन थे जीयो, हर पल उपशम रस पीयो।।
मृत्यु भी बण गई महोत्सव, तप मेलो सुखकार,
दुर्लभ साधु जीवन पायो, काढ़्यो साचो सार।
तप री निर्मल ज्योति पा, जीवन चमकायो।।
समता री सूरत मनहारी, प्यारी प्यारी लागै,
अणसण सौरभ स्यू, घट सोयी शीत जागे
‘ॐ भिक्षु जय भिक्षु’, मंत्र ओ मंगल सायो।।
गुरुवर त्रय की पाई करुणा, मैं अनन्त उपकारी,
चित्त समाधि पूरी-पूरी, मानजी मंजुयशा साताकारी।
चिन्मय, इन्दु, मानस ने, देखो सेवा रंग रचायो।।
नन्दन वन सो शासन पायो, गुरुवर महाश्रमण रो सायो।।