
रचनाएं
जीवन नैया तारी
शासन श्री साध्वी मदनश्री जी, जीवन नैया तारी।
जीवन नैया तारी, पा भैक्षव गण फुलवारी।।
भाग्य सवायो, संयम पायो, कल्पवृक्ष लहरायो,
मस्त सदा अपणी ही धुन में, हर क्षण मोद मनायो।
गुरुकृपा रो नहीं पार जी, काढ्यो जीवन रो सार जी,
हंसती खिलती मनगमती आ, मोहक मूरत प्यारी जी।।
सहज सरस व्यवहार मधुर, हा शांत धीर सुखदाई,
कार्य कुशलता स्यूं जन-जन रे, दिल में छाप जमाई।
नहीं आलस रो कोई काम जी, श्रम ही साची पहचान जी,
अपणापण सगला रे सागै, नहीं कोई थांरी म्हारी जी।।
वीर भूमि री वीर लाडली, वीर वृत्ति अपणाई,
अनशन कर थे जीती बाजी, जश झण्डी फहराई।
मंजुयशा सहवास जी, जीवन में नित मधुमास जी,
सेवाभावी सतियां रो, सहयोग मिल्यो मनहारी जी।।
ज्योतिचरण प्रभु महाश्रमण रो, शासण ओ वरदाई,
महर नजर साध्वीप्रमुखा री, जागी हद पुण्याई।
हो आध्यात्मिक उत्थान जी, बस आत्मा रो संधान जी,
करां कामना सिद्ध प्रभु स्यूं, जुड़ जावै इकतारी जी।।
लय - मारूजी थांरे देश में