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शांति व समृद्धि के लिए उपसर्गहर स्तोत्र अनुष्ठान
उपसर्गहर स्तोत्र अनुष्ठान में डॉ. मुनि अमृत कुमारजी ने ओम के आकार में बैठे संभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि, “दु:ख में विचलित न हो, कष्टों को सहन करें। कष्ट निवारण एवं दु:ख मुक्ति के साथ आत्म कल्याण के लिए उपसर्गहर स्तोत्र का विशेष अनुष्ठान चमत्कारी व लाभप्रद है।“ मुनि उपशम कुमारजी ने जप अनुष्ठान क्यों, कब, कैसे, किसलिए किया जाता है की विधिवत जानकारी दी एवं जप प्रयोग से कष्ट निवारण के संस्मरण सुनाए। 25 जोड़े व अन्य भाई-बहनों ने एक घंटा लयबद्ध जप किया। व्यवस्था में रूपचंद जैन व ललित बैद का सहयोग रहा।