साध्वी संचितयशा जी की स्मृति सभा का आयोजन

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विलेपार्ले, मुंबई।

साध्वी संचितयशा जी की स्मृति सभा का आयोजन

परोपकार सम्राट आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी शकुंतला कुमारी जी के सान्निध्य में साध्वी संचितयशा जी की स्मृति सभा का आयोजन हुआ। साध्वी शकुंतला कुमारी जी ने अपने वक्तव्य में कहा, “गुरुदेव की असीम कृपा से मैं 26 वर्षों तक उनके साथ रही। साध्वी संचितयशा जी की व्याख्यान शैली बहुत अच्छी थी। वह एक अध्ययनशील तथा तत्वज्ञान में निपुण साध्वी थीं। उनकी मिलनसारिता, विनम्रता, सहनशीलता तथा व्यवहार-कुशलता सभी के दिलों को आकृष्ट करती थी। उन्होंने 'शासनश्री' साध्वी सोमलता जी के साथ लगभग 25 वर्षों तक साध्वी के रूप में सेवा दी। उनको चित्त समाधि पहुंचाने तथा उनकी सेवा में हर पल सजग रहीं।”
उन्होंने आगे कहा, “साध्वी संचितयशा जी ने मेरे हर कार्य में आत्मीय सहयोग दिया, जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती। अंतिम समय में भयंकर असाता वेदनीय कर्मों को समभाव से सहन करते हुए उन्होंने पंडित मरण को प्राप्त किया। उनकी आत्मा शीघ्र ही मोक्ष श्री का वरण करे, ऐसी मंगल कामना करती हूं।” 
साध्वी जागृतप्रभा जी ने कहा, “साध्वी संचितयशा जी ने मुझे हर क्षेत्र में विकास करने का अवसर प्रदान किया—बोलना, लिखना, पढ़ना, सिलाई, रंगाई आदि साधु जीवन के समस्त कार्यों में मेरा हर पल सहयोग दिया। मैं उनके प्रति सदैव कृतज्ञ रहूंगी।”
इस अवसर पर आचार्यश्री महाश्रमणजी, साध्वी प्रमुखाश्री जी तथा उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी के संदेशों का वाचन किया गया। साध्वी रक्षितयशा जी ने कहा, “साध्वी संचितयशा जी ने बड़ी बहन की तरह प्रेम और वात्सल्य दिया। वह मुझे परमानंद की राह पर चलने की प्रेरणा देती रहीं। वे एक आत्मस्थ तथा गुरु के प्रति सर्वात्मना समर्पित साध्वी थीं। उनके साथ बिताया हर क्षण मेरी स्मृति-पटल पर अंकित रहेगा।” 
उन्होंने आगे कहा, “हम तीनों ही साध्वियाँ आचार्यश्री महाश्रमण जी के प्रति अनंत कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। गुरुदेव ने साध्वी संचितयशा जी के लिए फरमाया था कि साध्वी संचितयशा यदि देवलोक में सीमंधर स्वामी आदि तीर्थंकरों के दर्शन कर सकें तो प्रयास करें। वहाँ से प्रेरणा-संदेश प्राप्त करके अगले भव में मनुष्य जन्म को प्राप्त कर अपनी साधना करने का लक्ष्य रखें। हम तो यह सुनकर धन्य-धन्य हो गए।”
साध्वी संचितयशा जी की चिकित्सा में डॉक्टरों की सराहनीय सेवा रही। डॉ. सौरभ जैन, डॉ. हार्दिक शाह, डॉ. मयूर शाह, डॉ. जिम्पु जैन आदि की विशेष सेवाएँ उल्लेखनीय रहीं। संसार-प्रक्षीय माँ श्रद्धा की प्रतिमूर्ति किरण देवी, भाई सिद्धार्थ, सुभाष, संजय आदि पारिवारिक सदस्यों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। मुंबई सभा के अध्यक्ष माणक धींग, मंत्री दिनेश जैन, डॉ. दिलीप सरावगी, विमल सोनी, अभिषेक गोयल, विलेपार्ले तेयुप अध्यक्ष महेन्द्र वडाला, मंत्री रॉकी कोठारी, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष रेखा कोठारी आदि विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं संपूर्ण श्रावक-श्राविका समाज ने श्रद्धांजलि अर्पित की। चार लोगस्स के ध्यान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी रक्षितयशा जी ने किया।