हद हिम्मत दिखलाई

रचनाएं

साध्वी सरसप्रभा

हद हिम्मत दिखलाई

संचितयशाजी चढ़ते भावों, अनशन ज्योत जलाई।
हद हिम्मत दिखलाई।।
जनम-जनम की पुण्याई से भैक्षव गण है पाया,
महातपस्वी महाश्रमण का, मिला है सुन्दर साया।
घोर वेदना में संथारा कर, आत्मा को चमकाई।
सहज सरलता और विनम्रता, सेवाभावी भारी,
पापभीरूता, स्वाध्यायी, हर क्षण समताधारी।
मुम्बई नगरी में तपकर, शासन शान बढ़ाई।।
सोच विचार चिन्तन मंथनकर, तन का सार निकाला,
गुरु कृपा से सतिवर तुमने पाया, सिन्धु किनारा।
सरसप्रभाजी को आती है, हरपल स्मृतियॉं थांरी।।
लय- संमय मय जीवन