प्रतिभा सम्पन्न, श्रमनिष्ठ साध्वी संचितयशा जी

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साध्वी साधनाश्री आदि साध्वी वृंद

प्रतिभा सम्पन्न, श्रमनिष्ठ साध्वी संचितयशा जी

आने वाला जाएगा — यह निश्चित है, किंतु साध्वी संचितयशा जी इतनी जल्दी मनुष्य लोक को छोड़ देंगी, ऐसी कल्पना भी नहीं थी। साध्वी संचितयशा जी परिवार में संसार पक्ष की बहन लगती थीं। लगभग पाँच वर्षों तक शासनश्री साध्वी सूरजकुमारी जी के साथ रहने का अवसर प्राप्त हुआ। हमने अनुभव किया कि वे एक गंभीर साध्वी थीं। प्रतिभा सम्पन्न, श्रमनिष्ठ, अप्रमत्त, ज्ञान व चेतनायुक्त थीं। उनमें विनय और समर्पण का अद्भुत संगम था। पिछले कुछ वर्षों से वे असाता वेदनीय कर्म को भोग रही थीं। अंतिम समय में तो ऐसा प्रतीत होता है मानो उन्होंने अत्यंत वेदना को समभाव से सहन कर अति-निर्जरा की है। शरीर के ममत्व और जिजीविषा को त्यागकर, जागरूकता पूर्वक संथारा कर, समाधि-मरण का वरण किया। अब तो उस आत्मीय संबंध की स्मृतियाँ मात्र शेष हैं। साध्वी संचितयशा जी की दिव्य आत्मा हमें संयम में सहयोग प्रदान करे तथा निज आत्मा का उत्थान करती हुई शीघ्र मुक्तिपद का वरण करे।