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अक्षय तृतीया पर श्रद्धासिक्त कार्यक्रम
मुनि मोहजीत कुमारजी ठाणा 3 एवं मुनि दीपकुमार जी ठाणा 2 के सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई के तत्वावधान में तेरापंथ जैन विद्यालय, साहूकारपेट परिसर में अक्षय तृतीया पारणोत्सव का शुभारंभ महामंत्रोच्चार व ''ॐ ऋषभाय नमः'' जप के साथ हुआ। इस अवसर पर मुनि मोहजीत कुमार जी ने भगवान ऋषभदेव द्वारा विकास की परंपरा एवं वर्षीतप के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह दिन भगवान ऋषभ की 400 दिनों की तपस्या की पूर्णता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भगवान ऋषभ प्रथम तीर्थंकर, भिक्षु और याचक के रूप में प्रतिष्ठित हुए।
मुनि दीपकुमार जी ने वर्षीतप के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए रस-लोलुपता पर नियंत्रण की प्रेरणा दी। मुनि भव्य कुमार जी ने अपने तृतीय वर्षीतप की पूर्णता पर अनुभव साझा किए तथा भगवान ऋषभ, इक्षु और श्रेयांस से जुड़ी प्रेरणाओं का उल्लेख किया। मुनि जयेश कुमार जी ने भगवान आदिनाथ के पुरुषार्थ चतुष्टय और प्रयोगधर्मा स्वरूप पर विचार व्यक्त किए। मुनि काव्यकुमार जी ने अपने विचारों को काव्यात्मक स्वरूप में प्रस्तुत किया। पारणोत्सव के मुख्य उपक्रम में 18 वर्षीतप तपस्वियों ने मुनिवरों को इक्षु रस का दान देकर तप की पूर्णाहुति की। महिला मंडल ने अनुमोदना गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में तपस्वियों का सम्मान जैन प्रतीक व अभिनंदन पत्रों द्वारा किया गया। सभा अध्यक्ष अशोक खतंग ने स्वागत भाषण व मंत्री गजेंद्र खांटेड ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन मनोज डूंगरवाल ने किया।