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जीवन वृत्त पर नाटिका का मंचन
नोखा। डॉ. मुनि अमृत कुमार जी के सान्निध्य में ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों द्वारा मुनि आषाढ़भूति के जीवन वृत्त पर नाटिका का मंचन नाहटा भवन में किया गया। मुनि अमृत कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि, “व्यक्ति को अपने जीवन में संयम रखना चाहिए। संयम जीवन के विकास का सबसे बड़ा माध्यम है।“ मुनि उपशम कुमार जी ने बताया कि, “व्यक्ति को जीवन में हमेशा गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए, गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए एवं हर तरह के नशे से दूर रहना चाहिए।“ ज्ञानशाला के बच्चों ने मुनि आषाढ़भूति के जीवन वृत्त के नाटक का मंचन करते हुए गुरु की शिक्षा एवं गुरु के समक्ष की हुई प्रतिज्ञा का महत्व समझाया। बच्चों को नाटिका का मंचन करवाने के लिए ज्ञानशाला प्रशिक्षिका राजकुमारी मरोठी, धारा लुणावत, रेखा सेठिया एवं भावना मरोठी, नम्रता सखलेचा, लक्षिता लुणावत, ललित बैद, कार्तिक नाहटा, हर्षीत भूरा, राज मरोठी ने अथक परिश्रम किया। मुख्य अतिथि पीलीबंगा की पूर्व विधायक द्रौपदी मेघवाल, सुमन मरोठी, प्रीति मरोठी, ज्ञानशाला के प्रभारी महावीर नाहटा, तेरापंथ सभा के मंत्री मनोज घीया, निर्मल चोपड़ा ने पारितोषिक वितरण किया। तेयुप मंत्री सुरेश बोथरा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन धारा लुणावत एवं रेखा सेठिया ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविका उपस्थित रहे।