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कषाय ले जाते हैं आत्मा को मोक्ष से दूर
कानपुर। साध्वी स्वर्णरेखा जी के सान्निध्य में "ANGER is DANGER" विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री के महामंत्रोच्चार से हुआ। इसके पश्चात महिला मंडल की बहनों ने कार्यशाला के महत्व को दर्शाती एक गीतिका की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण महिला मंडल द्वारा प्रस्तुत लघु नाटक रहा। इस नाटक के माध्यम से चार कषाय — क्रोध, मान, माया और लोभ — से होने वाली हानि का सजीव चित्रण महिला मंडल की बहनों ज्योति भुतोडिया, तनीषा बुच्चा, शालिनी बुच्चा, अंशु जम्मड, शिल्पा बैद एवं विनीता सेठिया ने किया। साध्वी स्वर्णरेखा जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि कषाय आत्मा को मोक्ष से दूर ले जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति के लिए इनका त्याग आवश्यक है। उन्होंने कषाय से मुक्त होने के लिए ध्यान, तपस्या, आत्म-जागरूकता, अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह जैसे मार्गों की विस्तृत व्याख्या की। कार्यक्रम का संचालन सभा के पूर्व मंत्री संदीप जम्मड ने कुशलता से किया।