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पापभीरु और आत्मार्थी हैं आचार्य श्री महाश्रमण
नोखा। डॉ. मुनि अमृत कुमार जी के सान्निध्य में आचार्य श्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव का कार्यक्रम तेरापंथ भवन, नोखा में मनाया गया। मुनिश्री ने जन सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आचार्य श्री करुणा के सागर, पापभीरु, आत्मार्थी एवं जन-जन के लिए त्राण शरण हैं। उन्होंने 60,000 किलोमीटर से अधिक पदयात्रा कर लोगों को सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति का सन्देश दिया है। मुनि उपशम कुमार ने संस्मरण सुनाते हुए आचार्य महाश्रमण के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किये। तेरापंथ महिला मंडल ने वर्धापना गीतिका प्रस्तुत की। मंडल अध्यक्षा सुमन मरोठी ,कवि इंदरचंद बैद, उपासक अनुराग बैद, नीलम पुगलिया, मंत्री मनोज घीया, सुरेश बोथरा ने आचार्य श्री महाश्रमण के अनासक्त जीवन पर भावांजलि अर्पित की। संचालन सुनील बैद ने किया।