श्रम के महादेवता आचार्य महाश्रमण जी

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जसोल।

श्रम के महादेवता आचार्य महाश्रमण जी

साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में गणमहानायक आचार्य श्री महाश्रमण जी का दीक्षा दिवस युवा दिवस के रूप में स्थानीय ओसवाल भवन में आयोजित हुआ। साध्वी अणिमाश्री जी अपने उद्बोधन में कहा - नमन करती हूं मां नेमा की रत्नकुक्षि को जिन्होंने तेरापंथ के कोहिनूर को जन्म दिया। जिनका बचपन संयम के परमाणुओं से प्रभास्वर बना एवं आज के दिन गुरुदेव तुलसी की आज्ञा से मंत्री मुनि सुमेरमल जी स्वामी से संयम रत्न प्राप्त किया। वे प्रारम्भ से ही आचारनिष्ठ, मर्यादानिष्ठ, अनुशासन निष्ठ मुनि के रूप में विख्यात हुए। उनके शरीर के रोम-रोम में संयम का मजीठी रंग चढ़ा हुआ था। आज वो ही मुनि मुदित संघ का नाथ बनकर संयमी आत्माओं के संयम को सम्पुष्ट बना रहा हैं। जो युगधारा में नए प्राणों का संचार करता है, वह युवा होता है, आचार्य महाश्रमण जी नवयुग मे नवप्राणों का संचार कर रहे है, वे श्रम के महादेवता हैं, उत्साह के पारावार हैं, इसलिए युवा हैं। पूज्य प्रवर का युवकत्व सदैव वर्धमान रहे, आपकी शासना में संघ की तेजस्वता निश दिन अभिवर्धित होती रहे। साध्वीश्री ने श्रद्धेया साध्वीप्रमुखाश्री जी के चयन दिवस पर भावों का श्रद्धा उपहार समर्पित किया।
साध्वी कर्णिकाश्री जी ने कहा - मुनि मुदित वो भाग्यशाली संत था, जिन्हें दो-दो महान शिल्पकार आचार्यों ने तराशा है। वो अनुपमेय कृति संघ मंदिर में प्रतिष्ठित होकर संघ की शोभा बढ़ा रही है। डॉ. साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा - आज के दिन तेरापंथ धर्मसंघ में महायोगी, महाध्यानी, युगदृष्टा, युगसृष्टा, महानायक, आचार्य महाश्रमण जी का मुनि मुदित के रुप में जन्म हुआ। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व, नेतृत्व बेमिसाल है। साध्वी समत्वयशा जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने मंच संचालन करते हुए कहा कि आचार्य महाश्रमण जी हैप्पी मेन, हेल्दी मेन एवं हम्बल मेन हैं। उससे पहले ज्ञानशाला के बच्चों ने मंगल संगान किया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष भूपतराज कोठारी, तेयुप अध्यक्ष मनीष बोकड़िया, महिला मंडल अध्यक्ष कंचनदेवी ढ़ेलडिया, हनुमान चन्द लुंकड़, लीला देवी सालेचा ने भावाभिव्यक्ति दी। महिला मंडल ने सुमधुर गीत का संगान कर वातावरण को मधुरिमा प्रदान की।