जीवन चमकाया है

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साध्वी कल्पमाला

जीवन चमकाया है

संयम की साँसों से जीवन चमकाया है।
गुरु निष्ठा, संघनिष्ठा से जीवन महकाया है।।
गंगाणे की लाडली तुम, गण बगिया में खिली,
तुलसी कृपा को पाकर संयम में हरपल रमी।
तेरी जीवन गाथा का, गुण गौरव गाते हैं।।
सहज सरल जीवन तेरा, वाणी रही मधुर,
समत्व शिखर पर आरूढ चेतना के झंकृत स्वर।
अद्‌भुत व्यवहार कौशल, सबको लुभाते हैं।।
संयम यात्रा ग्रहण करके तुमने, की संघ प्रभावना,
श्रम बूंदो से सिंचित जीवन, गुरु इंगित आराधना।
'शासनश्री' बसन्तप्रभा जी, मंगल भाव सजाते हैं।।