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देदीप्यमान भास्कर हैं आचार्य श्री महाश्रमण
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी प्रांजलप्रभा जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन रामपुरा फूल में तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम् अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के 52वें दीक्षा दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन ने स्वागत भाषण के साथ अपनी श्रद्धाभिव्यक्ति दी। नमस्कार महामंत्र के सम्मुचारण से प्रारंभ हुए इस अभिवंदना कार्यक्रम का मंगलाचरण साध्वी रुचिप्रभा जी द्वारा किया गया। साध्वी मध्यस्थ प्रभा जी ने वक्तव्य के द्वारा पूज्यप्रवर के प्रति अपनी भावाभिव्यक्ति दी।
साध्वी प्रांजलप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में आचार्य महाश्रमण जी की विशेषताओं को बताते हुए जीवन में गुरु के महत्व को रेखांकित किया। साध्वीश्री ने बताया भारत की संत परंपरा में आचार्य श्री महाश्रमण जी देदीप्यमान भास्कर, मानवता के मसीहा हैं। बालक मोहन से युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण तक की उन्नत यात्रा का आधार है - गुरुद्वय के प्रति अनुत्तर समर्पण, विनयशीलता, कषाय निग्रह और अनुत्तर संयम साधना। स्थानीय ज्ञानशाला ने रोचक शब्दचित्र से अपनी अभ्यर्थना की।
अभिवंदना के स्वर में महावीर ढेलडिया (अहमदाबाद), विजयराज जैन (बठिंडा), राजीव जैन (बठिंडा), शशि रानी (रामपूरा फूल) आदि ने गीत, कविता और वक्तव्य के माध्यम से अपने भावों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी गौतमप्रभा जी ने किया। कार्यक्रम में स्थानीय श्रावक समाज के साथ जय तुलसी अणुव्रत पब्लिक स्कूल के अध्यापकों व तपामंडी, संगरूर व बठिंडा आदि क्षेत्रों के श्रावकों की अच्छी उपस्थिति रही।