आध्यात्मिक मिलन पर खिले प्रसन्नता के फूल

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पचपदरा।

आध्यात्मिक मिलन पर खिले प्रसन्नता के फूल

'शासनश्री' साध्वी सत्यप्रभा जी एवं साध्वी अणिमाश्री जी का तेरापंथ भवन, पचपदरा में भव्य आध्यात्मिक मंगल मिलन कार्यक्रम आयोजित हुआ। पचपदरा में प्रवासरत साध्वी अणिमाश्रीजी अपनी सहवर्ती साध्वियों के साथ 'शासनश्री' की अगवानी हेतु पहुंचीं। मार्ग में विनय और वात्सल्य की धारा बह निकली। इस अनुपम दृश्य को देखकर श्रावक समाज भावविभोर हो उठा। पूरा जनपथ 'जय जय महाश्रमण' के जयघोषों से गुंजायमान हो गया।
'शासनश्री' साध्वी सत्यप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ एक नंदनवन के समान है। इस संघ का हर सदस्य चैन की बंसी बजाता है तथा शांति और समाधि की अनुभूति करता है। जब संघ के साधु-साध्वी परस्पर मिलते हैं तो उनके अंतर्मन में प्रसन्नता के फूल खिलते हैं, जिनकी सुगंध से समस्त श्रावक समाज भी सुवासित होता है। उन्होंने कहा, 'आज साध्वी अणिमाश्री जी से मिलकर मन अत्यंत आनंदित है। वे एक प्रबुद्ध, चिंतनशील, कर्मठ एवं श्रमशील साध्वी हैं। उन्होंने सुदूर यात्राएं कर संघ की प्रभावना की है। दक्षिण भारत में हमारे चातुर्मास के पूर्व उनका प्रवास रहा है, जहां उनके तप-श्रम की गाथा सुनने को मिली। मैं कामना करता हूं कि वे इसी प्रकार संघ की प्रभावना करते हुए और आगे बढ़ें।'
साध्वी अणिमाश्री जी ने अभिव्यक्ति देते हुए कहा, आज शासनश्री के आगमन से यह आंगन आनंद से भर गया है। शासनश्री जी पर्याय ज्येष्ठ, अनुभव ज्येष्ठ, व वय ज्येष्ठ हैं। हम आपकी गुणवत्ता, विद्वता, पुण्यवत्ता का स्वागत करते हैं। आपकी ऋजुता, मृदुता, सौम्यता व सहृदयता प्रणम्य है। उनका वात्सल्य पाकर मैं अभिभूत हूं। उनकी प्रमोदभावना स्तुत्य है। उन्होंने भी सुदूर प्रांतों में धर्मसंघ की प्रभावना की है। हम मंगलकामना करते हैं कि वे निरामय रहकर धर्मसंघ की सेवा करती रहें। उन्होंने अपनी सहवर्ती साध्वीवृन्द को भी सुंदर रूप में संस्कारित किया है। हम सब मिलकर संघ की गौरववृद्धि करते रहें।
साध्वी कर्णिकाश्री जी, डॉ. साध्वी सुधाप्रभा जी, साध्वी समत्वयशा जी एवं साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने आगंतुक साध्वीवृन्द के स्वागत में सुमधुर स्वर-लहरियों की प्रस्तुति दी। आगंतुक साध्वीवृन्द— साध्वी ध्यानप्रभा जी, साध्वी श्रुतप्रभा जी एवं साध्वी यशस्वीप्रभा जी ने गीत के माध्यम से अपनी खुशी का इजहार किया। साध्वी श्रुतप्रभा जी एवं साध्वी मनस्वी प्रभा जी ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। सभाध्यक्ष जवेरमल मदाणी, हुलासीदेवी लोढ़ा एवं बालिका प्रांजल पारख ने भी भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी। महिला मंडल ने स्वागत गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का सुचारू संचालन डॉ. साध्वी सुधाप्रज्ञा जी ने किया।