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दीक्षार्थी मंगलभावना कार्यक्रम का आयोजन
तेरापंथ सभा भवन, गांधीनगर में साध्वी सोमयशा जी के सान्निध्य में दीक्षार्थी बहन साधना बांठिया के मंगलभावना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण के साथ हुआ। साध्वी सोमयशा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “जीवन में जो गहरा और स्थायी परिवर्तन आता है, वही सच्चे दीक्षा मार्ग की पहचान है। केवल वेश परिवर्तन करना ही संन्यास नहीं है, बल्कि क्लेशों का परिवर्तन ही वास्तविक संन्यास है।” उन्होंने प्रेरणा देते हुए कहा कि जीवन को अंतर्मुखी बनाएं, स्वयं को बेहतर बनाएं, मिथ्यात्व के मैल को हटाने के लिए 'फिल्टर' बनें, और कषायों को थर्मामीटर की भाँति नापने का अभ्यास करें। साध्वी श्री ने दीक्षार्थी बहन को प्रेरणा देते हुए कहा कि जिस लक्ष्य की ओर तुम अग्रसर हो रही हो, उस पर सदैव गतिमान और निष्ठावान रहना। साध्वी सरलयशा जी ने “दीक्षा क्यों, कब और क्या” विषय पर प्रकाश डालते हुए आध्यात्मिक शक्तिवर्धन की मंगलकामनाएं व्यक्त कीं।
सभा अध्यक्ष पारसमल भंसाली ने स्वागत उद्बोधन दिया। उपासिका सरस्वती बाफना ने दीक्षार्थी बहन साधना बांठिया का परिचय प्रस्तुत किया। सभा उपाध्यक्ष विनय बैद ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया। संगीता तातेड़ ने मंगलभावनाएं व्यक्त कीं। इस अवसर पर सभा के पदाधिकारी, महिला मंडल अध्यक्षा रिजु डूंगरवाल सहित अनेक गणमान्यजन एवं श्रावक-श्राविका उपस्थित थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी ऋषिप्रभा जी ने किया तथा सभा मंत्री विनोद छाजेड़ ने आभार व्यक्त किया।