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लोगस्स कल्प मंत्र आराधना अनुष्ठान का आयोजन
डॉ. मुनि पुलकित कुमारजी के सान्निध्य में 'लोगस्स कल्प मंत्र आराधना अनुष्ठान' का आयोजन ललित मांडोत के निवास स्थान मल्लेश्वरम, बेंगलुरु में किया गया। मुनिश्री ने इस अवसर पर कहा कि जैन शासन की अतुल्य निधि है लोगस्स पाठ, जिसमें 24 तीर्थंकरों की स्तुति की गई है। यह मंत्रगर्भित स्तुति है, जिसके माध्यम से अनेक जैनाचार्यों ने मनुष्य कृत, देवता कृत अथवा प्राकृतिक उपद्रवों को शांत किया है। जीवन की सिद्धि प्रदान करने वाला, चमत्कारों से परिपूर्ण यह लोगस्स पाठ जैन धर्म की एक अमूल्य धरोहर है। मुनिश्री ने आगे कहा कि लोगस्स का ध्यान व मंत्र रूप में प्रयोग भी होता है। यह साधना कर्म रूपी रज और मल को दूर कर दिव्यता की अनुभूति करवाती है। लोगस्स पाठ का महत्व उजागर करते हुए मुनिश्री ने कहा कि इससे आरोग्य, बोधि और उच्चकोटि की समाधि प्राप्त की जा सकती है। यह आध्यात्मिक उन्नयन की उत्तम उपासना विधि है।
अनुष्ठान का शुभारंभ नवकार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। मुनिश्री ने प्राचीन जैन शास्त्रों में वर्णित लोगस्स पाठ के मंत्रों का जाप करवाया। मुनि आदित्य कुमारजी ने विभिन्न हस्त मुद्राओं के साथ संकल्पपूर्वक चैतन्य केंद्रों पर जाप करवाया। अनुष्ठान के पश्चात तुलसी महाप्रज्ञ चेतना केंद्र के अध्यक्ष ललित मांडोत ने स्वयं के निवास स्थान पर अनुष्ठान आयोजित करवाने के लिए मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। तेरापंथ सभा अध्यक्ष पारसमल भंसाली, तेरापंथ महिला मंडल गांधीनगर की नव मनोनीत अध्यक्ष लक्ष्मी बोहरा एवं रिजु डूंगरवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।इस अवसर पर महासभा सदस्य प्रकाश लोढ़ा, गौतमचंद मुथा, बद्रीलाल पितलिया, लादूलाल बाबेल, बहादुर सेठिया सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।