
संस्थाएं
विघ्नहर ह्रीं कार अनुष्ठान का भव्य हुआ आयोजन
मुनि मोहजीत कुमारजी के सान्निध्य में "विघ्नहर ह्रींकार अनुष्ठान" का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद, किलपॉक के तत्वावधान में हुआ। ह्रींकार की आकृति में बैठकर 151 जोड़ों सहित सैकड़ों अनुष्ठानकर्ताओं ने आचार्य सिद्धसेन द्वारा रचित "कल्याण मंदिर स्तोत्र" का मुनि जयेश कुमारजी के भावपूर्ण संगान के साथ उच्चारण एवं श्रवण किया। इस अवसर पर अनुष्ठान स्वर प्रस्तोता मुनि जयेश कुमारजी ने कल्याण मंदिर स्तोत्र की रचना से जुड़ी विशिष्ट चमत्कारी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रभु पार्श्वनाथ का माहात्म्य और प्रभाव तीर्थंकर परंपरा में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। उन पर रचित अनेक स्तोत्र भक्तों की आस्था के अनन्य केंद्र रहे हैं। इन्हीं स्तोत्रों की कड़ी में एक महत्वपूर्ण नाम है "कल्याण मंदिर स्तोत्र"। इसके रचयिता आचार्य सिद्धसेन एक क्रांतिकारी पुरुष थे। वे कहा करते थे कि मेरा जन्म केवल अतीत के गीत गाने के लिए नहीं हुआ है। यदि मैं कुछ नया न कर सकूं तो मेरा जीवन व्यर्थ है। ऐसी सोच रखने वाले व्यक्ति द्वारा महान भक्ति काव्य की रचना कुछ विचित्र प्रतीत हो सकती है, परंतु सिद्धसेन भक्ति विरोधी नहीं थे। उन्हें वही स्तुति प्रिय थी जो आराध्य के गुणों को आत्मसात करने का भाव जागृत करे, न कि केवल स्वार्थ सिद्धि का प्रयत्न हो। यह अनुष्ठान भी सभी के लिए विघ्न निवारक, सिद्धिदायक होने के साथ-साथ प्रभु पार्श्वनाथ के गुणों को अपनाने की प्रेरणा प्रदान करने वाला बने, यही काम्य है।
कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने नवगठित तेयुप किलपॉक को मुनिश्री के मार्गदर्शन में इस उपक्रम के सफल आयोजन हेतु बधाई दी और युवकों को प्रोत्साहित किया। विघ्नहर ह्रींकार अनुष्ठान का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के साथ हुआ। मुनि भव्य कुमारजी ने पार्श्व स्तुति के रूप में 'प्रभु पार्श्वदेव चरणों में' गीत का संगान कर अनुष्ठान की श्रृंखला को आगे बढ़ाया। तेयुप अध्यक्ष राकेश डोसी ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किया। "ॐ श्री पार्श्वनाथाय नमः" के मंत्रोच्चार से वातावरण में अपूर्व आध्यात्मिकता का संचार हुआ। अनुष्ठान के दौरान ह्रीं का पिरामिड प्रत्येक साधक के सिर पर शक्ति का केन्द्रीकरण कर रहा था। ह्रीं आकृति में स्पॉट लाइट के माध्यम से रोशनी का नवीनीकरण किया गया। ह्रींकार अनुष्ठान में 151 जोड़ों की सहभागिता उनकी साधना के उत्साह को मुखर कर रही थी। चेन्नई के इतिहास में ऐसा उपक्रम पहली बार नवीनता एवं आध्यात्मिकता से परिपूर्ण रूप में हुआ। कार्यक्रम की सफल आयोजना में तेयुप अध्यक्ष राकेश डोसी, मंत्री सुनील सकलेचा, अनुष्ठान संयोजक अभिषेक नाहर, सहसंयोजक आलोक सेठिया एवं संपूर्ण तेयुप, तेरापंथी सभा तथा तेरापंथ महिला मंडल, किलपॉक के सदस्यों का विशेष योगदान रहा। अंत में आभार अभिषेक नाहर ने व्यक्त किया।