तिणनें राजा खोसे के घरे गिले, तसकर लगे के लाय। कृपण नें कापुरुष री खाटवां, माल मस्करा खाय। - आचार्य श्री भिक्षु
तिणनें राजा खोसे के घरे गिले, तसकर लगे के लाय। कृपण नें कापुरुष री खाटवां, माल मस्करा खाय।