गुरुवाणी/ केन्द्र
गणी सोहई भिक्खुमज्झे' शरद पूर्णिमा महाशक्ति जप अनुष्ठान
राजराजेश्वरी नगर। साध्वी पुण्ययशाजी आदि ठाणा-4 के सान्निध्य शरद पूर्णिमा को सांय तेरापंथ भवन में गणी सोहई भिक्खुमज्झे महाशक्ति अनुष्ठान किया गया। जिसमें विभिन्न मुद्राओं, बीजाक्षरों, स्वर विज्ञान एवं रंगों के साथ विभिन्न मंत्रों का लयबद्ध उच्चारण किया गया। साध्वी पुण्ययशा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा– मंत्र में असीमित शक्ति होती है। बीजाक्षर मंत्र लघुकाय होते हुए भी अध्यात्म शक्ति के अक्षय स्त्रोत होते हैं। यही कारण है कि किसी मंत्र के साथ बीजाक्षर जोड़ने से उसमें अद्भूत शक्ति पैदा हो जाती है। ध्वनि और मुद्रा पूर्वक किया गया।
आह्वान दिव्य शक्तियों के साथ संपर्क स्थापित करने का माध्यम बनता है। एकाग्रता मंत्र साधना का प्राण है। मंत्र के साथ मुद्रा, श्वास, चैतन्य केन्द्र और रंग की समायोजना होने से जीवन की समस्याओं, बीमारियों, मानसिक तनाव आदि को दूर किया जा सकता है। कार्यक्रम का शुभारम्भ साध्वीश्री के नमस्कार महामंत्र के साथ हुआ। सभी समागतों को श्री व नवकार मंत्र अंकित रजतपत्र दिया गया। सभाध्यक्ष राकेश छाजेड़ ने समागत का स्वागत करते हुए जितेन्द्र व विक्रम के सक्रिय सहयोग की अनुमोदना एवं उन्हें सम्मानित किया। कन्यामंडल से दिया छाजेड़, झलक रूणवाल, प्रज्ञा मरोठी, छवि नोलखा व प्रेक्षा मरोठी की समवसरण के प्रतिरूप के निर्माण में समय व श्रम नियोजन हेतु सराहना की। मंत्री गुलाब बाँठिया, सुशील भंसाली (छापर), सुशील भंसाली, प्रकाश बोहरा एवं तेयुप व महिला मंडल की टीम ने सुंदर व्यवस्था में सक्रिय सहयोग दिया।