साहित्य, संयम और संस्कार का संगम : अणुव्रत लेखक सम्मेलन

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अहमदाबाद।

साहित्य, संयम और संस्कार का संगम : अणुव्रत लेखक सम्मेलन

अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के पावन सान्निध्य एवं प्रेरणा से आयोजित अणुव्रत लेखक सम्मेलन साहित्य, संयम और संस्कार का अद्वितीय संगम बन गया। देशभर से आए प्रख्यात साहित्यकारों, चिंतकों, विद्वानों और अणुव्रत प्रेरकों की उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। प्रेक्षा विश्वभारती, अहमदाबाद के प्रांगण में आयोजित इस तीन दिवसीय सम्मेलन में साहित्य के विविध आयामों पर सारगर्भित विचार-विमर्श हुआ। उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में अणुव्रत दर्शन समाज को नैतिक पुनर्जागरण की दिशा दिखा सकता है, और लेखक वर्ग इसकी धुरी बन सकता है। कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण में अणुव्रत लेखक पुरस्कार – 2025 का सम्मान समारोह रहा, जिसमें हिंदी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री रघुवीर चौधरी को सम्मानित किया गया।
सम्मेलन में 'संतवाणी और कवि स्वर' काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। परिवार और प्रकृति साथ चले साथ खिले विषय के विभिन्न पहलुओं एवं 'नैतिकता और लेखन', 'अणुव्रत और समकालीन सृजन' जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण गोष्ठियाँ हुईं। अणुव्रत लेखक मंच के संयोजक जिनेन्द्र कोठारी ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य साहित्य के माध्यम से अणुव्रत के संदेश को जन-जन तक पहुँचाना है।
सम्मेलन में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी, साध्वी प्रमुखा विश्रुत विभाजी, साध्वी वर्या संबद्ध यशा जी, मुनि डॉ मदन कुमार जी, मुनि कुमारश्रमण जी एवं अणुव्रत के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि मनन कुमार का पावन पाथेय प्राप्त हुआ। पद्मश्री डॉ. रघुवीर चौधरी, पद्मश्री डॉ. कुमारपाल भाई देसाई, अमित लोढ़ा (आईपीएस) संवेग लाल भाई, डॉक्टर पी के लहरी (former chief secretary gujrat), डॉ. आनंद प्रकाश, डॉ. कल्पना गवली, डॉ. इंदुमती कठघरे, डॉ. बिशप रवि स्टीफेन, स्वप्निल आचार्य, निवर्तमान अध्यक्ष अणुव्रत विश्व भारती अविनाश नाहर, महामंत्री अणुव्रत विश्व भारती मनोज सिंघी, डॉ. कुसुम लुनिया एवं कैलाश बोराणा उपाध्यक्ष अणुव्रत विश्व भारती, संतोष सुराणा सह संयोजक अणुव्रत लेखक मंच, डिम्पल श्रीमाल अध्यक्ष अणुव्रत समिति अहमदाबाद सहित अनेक पदाधिकारियों ने विचार व्यक्त किए।