
समझें रिश्तों की अहमियत को
गुडियातम।
दुनिया में रिश्तों की बहुत अहमियत होती है। रिश्तों में बहुत अहम् रिश्ता होता है पति-पत्नी का। अगर पति-पत्नी में आपसी संतुलन है, आत्मीय भावनाएँ हैं, एक-दूसरे के प्रति समर्पण का भाव है, तो परिवार में निश्चित सुख का साम्राज्य है। यह विचार तेरापंथ भवन में हैप्पी कपल, खुशी डबल कार्यक्रम के अंतर्गत मुनिश्री अर्हत् कुमार जी ने व्यक्त किए।
मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि हैप्पी कपल, खुशी डबल यह कब होगा सफल-मन में शांति, आनंद रहता है पल पल, दल बल का अहं ईर्ष्या न हो आज और कल, सद्गुणों को अपनाकर अपनी भावना होगी सफल, जीवन में कर्म विसर्जन का भाव हो प्रसन्न, देव गुरु का लो संबल। मुनि जयदीप कुमार जी ने रिश्तों को मधुर एवं मजबूत बनाने के टॉनिक बताए। कार्यक्रम में जैन ही नहीं अजैन परिवारों ने भी भाग लिया। तेरापंथ सभा ने मुनिवृंद के प्रति कृतज्ञता के साथ धर्मपरिषद का आभार व्यक्त किया।