साध्वीप्रमुखा मनोनयन के अवसर पर मन के उद्गार
सतिशेखरे!
आज परमपूज्य गुरूदेव ने धर्मसंघ को एक विशेष उपहार दिया है। आज का स्वर्णिम प्रभात नई किरणों के साथ उदित हुआ है। पूरे धर्मसंघ में दीक्षा दिवस के उत्सव की आभा मनोनयन की विभा से निखर रही है। संघ की नौंवी साध्वी प्रमुखा श्री के स्थान में आपका चयन प्रसन्न्तादायी है।
महासतिवरे!
आप गुणों की भंडार है। आपकी प्रतिभा, पुरूषार्थ, धैर्य व सहनशीलता अनुकरणीय है। हम साध्वियों की देखभाल करते हुए आप हममें भी उन गुणों को संप्रसित करावें। यही मंगल कामना है शासन को दीर्घकाल तक आपकी सेवाओं से उपहृत करते हुए आप आचार्य वर के सपनों में नवरंग भरें। आज बधाएं मंगल गाएं अभिनंदन कर हर्षाएं। उदित हुई यह भोर सुहानी, पुलकित दशों दिशाएं।।