आज राजमार्ग है तेरापंथ

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आज राजमार्ग है तेरापंथ

टी-दासरहल्ली।
शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी के सान्निध्य में 263वाँ तेरापंथ स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ साध्वीवृंद द्वारा नमस्कार महामंत्र के पश्चात तेरापंथ महिला मंडल व कन्या मंडल ने भिक्षु अष्टकम का संगान कर मंगलाचरण किया। तेरापंथ सभा, ट्रस्ट अध्यक्ष नवरतन गांधी ने वक्तव्य के साथ अपनी भावना रखी। शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का पावन दिन, 263 वर्ष पूर्व आचार्य भिक्षु ने केलवा राजस्थान की अंधेरी ओरी में, महाविदेह में विराजमान सीमंधर भगवान को साक्षी मानकर पुनः स्वयं बारह श्रमणों के साथ चरित्र का प्रत्याख्यान किया। आचार्य भिक्षु कंटकाकीर्ण मार्ग पर चले, पर आज वह राजमार्ग बन गया।
शासनश्री साध्वी मंजुरेखाजी ने कहा कि आचार्य भिक्षु ने स्वयं द्वारा प्रवर्तित तेरापंथ धर्मसंघ में साधु-साध्वियों को एक आचार्य की अनुशासना में चलने का संविधान दिया। साध्वी उदितप्रभाजी ने आचार्य भिक्षु के महान व्यक्तित्व पर विचार रखे। शासनश्री साध्वी मंजुरेखा जी, साध्वी उदितप्रभाजी, साध्वी निर्भयप्रभाजी, साध्वी चेलनाश्री जी ने गीत का संगान किया। इस अवसर पर तेयुप ने सामुहिक गीत की प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा, गांधीनगर के निवर्तमान अध्यक्ष सुरेश दक ने अपने भावों की अभिव्यक्ति की। सभा ट्रस्ट निवर्तमान अध्यक्ष लादुलाल बाबेल, महिला मंडल अध्यक्षा रेखा मेहर ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में समस्त जैन श्रावक समाज की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन मंत्री कन्हैयालाल गांधी ने किया।