मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम
कांटाबांजी
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में मासखमण तप करने वाली गायत्री शुभंकर जैन का तपाभिनंदन समारोह आयोजित हुआ। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि धर्म मंगलकारी है, अमंगल को दूर करने वाला है। धर्म मूल तत्त्व है, जड़ है। धर्म की जड़ हरी रहनी चाहिए। जड़ हरी रहती है तो फल-फूल मिलते रहेंगे। प्रभु नाम की माला फेरने से माल मिलता है, तभी व्यक्ति मालामाल बनता है। सुबह उठते ही भगवान का जप अवश्य करना चाहिए। इस संयम की साधना से जहाँ अनेकानेक राष्ट्रीय समस्याएँ समाहित होती हैं वहीं व्यक्ति को मानसिक तोष एवं शांति का अनुभव होता है। भगवान महावीर द्वारा निर्देशित संयम और सीमाकरण का संदेश सभी को अमल में लाने की आवश्यकता है।
गायत्री जैन ने बहुत बड़ी भेंट मासखमण की अर्पित की है। पूरे परिवार में धर्म के संस्कार हैं। परिवार के सहयोग से ही व्यक्ति धर्म के पथ पर अग्रसर होता है। शुभंकर स्वयं तपस्वी है। परिवार धर्म के पथ पर आगे बढ़ता रहे, यही मंगलकामना।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि भावयुक्त होकर की गई क्रिया भावक्रिया होती है। भावना का बहुत बड़ा महत्त्व होता है। गायत्री जैन ने जागरूकता के साथ मासखमण तप किया है। चार महीने पूर्व संतों को दिए गए वचन से आज उऋण हुए हैं। गुरुदेव की उपासना में महीनों रहने वाला परिवार है तो धर्मनिष्ठा का भाव प्रबल बन जाता है। धर्मनिष्ठा के संस्कार का असर खुशी जैन में झलक रहा है। साधु-साध्वी का योग मिलता रहे तो खुशी भविष्य में दीपती हुई साध्वी बन सकती है। शुभंकर भी निरंतर तप में आगे बढ़ता रहे, धर्मसंघ की सेवा करता रहे। मीडिया प्रभारी अविनाश जैन ने बताया कि तेरांपथ सभा अध्यक्ष युवराज जैन, तेयुप अध्यक्ष अंकित जैन, कांटाबांजी तेममं, प्रांतीय सभा अध्यक्ष मुकेश जैन, केसिंगा से शुभंकर जैन, खुशी जैन, केसिंगा सभा अध्यक्ष रामनिवास जैन, केसिंगा महिला मंडल अध्यक्ष अंकिता जैन ने गीत एवं वक्तव्य के द्वारा तप अनुमोदना की।
कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री सुमित जैन ने किया। मासखमण तप अनुमोदन में कांटाबांजी से अंकित जैन, सुमित जैन, जयमाला एवं शुभंकर जैन ने इस चातुर्मास में अठाई तप का संकल्प लिया। अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने त्याग की भेंट मुनिवृंद को अर्पित की। तेरापंथ सभा कांटाबांजी, तेयुप, तेममं, प्रांतीय सभा, तेरापंथ सभा केसिंगा एवं तेममं ने तपस्विनी गायत्री को सम्मानित किया।