आत्मा में वापस लौटना ही है प्रतिक्रमण
आमेट
साध्वी प्रांजलप्रभा जी के सान्निध्य में अभातेममं के निर्देशानुसार तेममं द्वारा प्रतिक्रमण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में साध्वी प्रांजलप्रभा जी ने मुख्य विषय पर अपने उद्गार व्यक्त किए। प्रमादवश या अशुभ योग के कारण व्रतों में दोष लगना संभव है, किसी कारण से व्रतों में अगर दोष लग जाए तो उसकी शुद्धि का उपाय है-प्रतिक्रमण। प्रतिक्रमण केवल उपासना नहीं, अपितु शुद्धिकरण की क्रिया भी है। विभाव से स्वभाव में आने की, अशुभ योग से शुभ योग में आने की प्रतिक्रया है-प्रतिक्रमण।
कार्यक्रम में तेरापंथ सभा अध्यक्ष देवेंद्र मेहता, सभा मंत्री ज्ञानेश्वर मेहता, तेममं अध्यक्षा मीना गेलड़ा, मंत्री संगीता पामेचा व महिला मंडल की बहनें उपस्थित थीं।