लिंग भेद वाद-विवाद प्रतियोगिता
कांटाबाजी।
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में मुनि कुमुद कुमार जी के निर्देशन में कन्या मंडल द्वारा वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित हुई। मुनिश्री ने कहा कि जिंदगी में गाड़ी के दोनों पहिये बराबर हो तो गाड़ी सही ढंग से चलती रहती है। आपसी विचारों का तालमेल नहीं होने से टकराहट बढ़ती रहती है। एक-दूसरे की भावना का सम्मान करने से, सहयोग का भाव होने से घर की सुख-शांति एवं समृद्धि बढ़ती है। अच्छे संस्कार पनपते हैं। मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्राचीन, मध्य और वर्तमान काल में स्त्रियों को सम्मान एंव उच्च स्थान मिलता रहा हैं अकेले पुरुष या अकेले स्त्री से समाज नहीं चलता है। दोनों एक-दूसरे के साथ समन्वय एवं सहयोग भाव के साथ रहें तो जीवन जीने का आनंद आता है।
के0वी0 कॉलेज के प्रिंसिपल सत्यव्रत मिश्रा ने कहा कि समय के अनुसार सब कुछ बदलता है और बदलना सृष्टि का नियम है। परिवार से ही हमारे संस्कार बनते हैं। परिवार में बदलाव से समाज में बदलाव आता है। ब्रजेश मित्तल ने कहा कि दोनों पहिये एक तत्त्व के नहीं हैं। शारीरिक संरचना की भिन्नता के अनुसार अंतर रहना स्वाभाविक है। कन्या मंडल के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। नम्रता ने विचार व्यक्त किए। समय पालक की भूमिका मुस्कान जैन ने पूर्ण की। आभार ज्योति जैन ने एवं कार्यक्रम का संचालन पूजा जैन ने किया। निर्णायकगण का सम्मान तेयुप अध्यक्ष अंकित जैन एवं महिला मंडल अध्यक्षा बॉबी जैन ने किया।