आत्मशक्ति को बढ़ाने के लिए करें आध्यात्मिक अनुष्ठान
नवरात्रि आध्यात्मिक अनुष्ठान के आयोजन
कटक, ओड़िशा
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तथा तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में नवाह्निक आध्यात्मिक अनुष्ठान तेरापंथ सभा भवन में कराया गया। जिसमें अच्छी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि दुनिया में शक्ति का महत्त्व है, शक्ति के बिना व्यक्ति का मूल्यांकन कम हो जाता है। शक्तिसंपन्न वही व्यक्ति बन सकता है जो प्रभु की उपासना करता है, जो अपने आराध्य के प्रति समर्पित होता है। समर्पण के बिना व्यक्ति शक्ति को जागृत नहीं कर सकता है।
मुनिश्री ने कहा कि अरिहंत भगवान चंद्रमा से अधिक निर्मल होते हैं, चंद्रमा में दाग होता है, लेकिन अरिहंत व सिद्ध भगवान में कोई दाग नहीं होता है। अरिहंत-सिद्ध सूर्य से अधिक तेजस्वी व प्रकाश वाले होते हैं। अरिहंत भगवान सागर से भी अधिक गंभीर होते हैं, गंभीरता महानता का गुण है, गंभीर व्यक्ति आदरणीय होता है। जो छिछला होता है वह अधीर होता है। उतावला होता है, बिना सोचे कार्य करता है वह सफलता को प्राप्त नहीं होता है सफलता को वही प्राप्त कर सकता है जो गंभीर है। मुनिश्री ने सबको आध्यात्मिक साधना की प्रेरणा दी। मुनि परमानंद जी ने अनुष्ठान कराया, मुनि कुणाल कुमार जी ने चौबीसी का संगान किया।