प्रेक्षा दिवस कार्यशाला का आयोजन

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प्रेक्षा दिवस कार्यशाला का आयोजन

कडलूर
तेरापंथी सभा, कडलूर द्वारा श्री जैन संघ भवन में प्रेक्षा दिवस मनाया गया। नमस्कार महामंत्र से प्रारंभ कार्यक्रम में उपासक एवं पूर्वाध्यक्ष सौभागमल सांड ने मंगलाचरण किया। प्रेक्षा प्रशिक्षिका, उपासिका सरोज ढ़ढा ने श्वास प्रेक्षा के प्रयोग करवाते हुए कहा कि जैन परंपरा में ध्यान का अत्यंत प्राचीन और विशिष्ट प्रयोग है-प्रेक्षाध्यान। प्राचीन जैन ग्रंथों से निकालकर इसे श्वेतांबर तेरापंथी जैनाचार्य श्री तुलसी की अनुशासन में आचार्यश्री महा्रपज्ञ जी ने आधुनिक रूप दिया। प्रेक्षाध्यान एक ध्यान पद्धति है। प्रेक्षाध्यान का अर्थ-‘प्रेक्षा’ शब्द ईश धातु से बना है यानी गहराई से देखना।
प्रेक्षा प्रशिक्षिका मंजु गोलेच्छा ने ध्यान का प्रयोग करवाया। सुमन सुराणा और विकास गोलेच्छा ने ध्यान के जीवन में कैसे रूपांतरण किया जा सकता है, उसके बारे में विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन साधना पुगलिया ने और धन्यवाद ज्ञापन पायल सुराणा ने किया। तेरापंथ सभाध्यक्ष इंद्रचंद सुराणा, उपाध्यक्ष दिलीप ढ़ढा, मंत्री शांतिलाल सुराणा, जैन संघ के उपाध्यक्ष अशोक कुमार मेहता के साथ जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने सहभागिता निभाई।