मासखमण तप अभिनंदन समारोह
गंगाशहर।
सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी कीर्तिलता जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा संजू लालानी का तप अभिनंदन समारोह आयोजित हुआ। प्रदीप कुमार लालानी की धर्मपत्नी संजू लालानी ने 30 दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। साध्वी कीर्तिलता जी ने कहा कि तप का बहुत बड़ा महत्त्व है। तप की शक्ति के सामने देवराज इंद्र भी नतमस्तक हो जाते हैं। तपस्या में बहुत बड़ी शक्ति निहित है। तपस्या एक औषधि है जो ना तो धरती पर उपजती है ना ही आकाश में प्रकट होती है। यह तो आत्मबल से ही उपजती है। उन्होंने उपवास के द्वारा कई बीमारियों के निदान होने की बात कही।
साध्वी ललितकला जी ने कहा कि संजू लालानी ने बड़ा मासखमण कर तप का कलश चढ़ाया है। व्यक्ति की प्रथम आवश्यकता होती है-भोजन व पानी। जिस व्यक्ति के पास अनासक्ति की चेतना व कर्म निर्जरा की भावना होती है, वही तपस्या कर सकता है। उन्होंने तपस्विनी के प्रति आध्यात्मिक मंगलकामना की। समारोह का शुभारंभ महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण गीत से हुआ। तपस्विनी के पारिवारिक जनों एवं पीहर पक्ष से छाजेड़ परिवार ने गीतिका प्रस्तुत की। संजू लालानी पूर्व में 1 से 9 तक की लड़ी, 13, 15 व 27 दिन की तपस्या कर चुकी हैं।
अनुमोदना के क्रम में तेरापंथी सभा अध्यक्ष अमरचंद सोनी, तेममं अध्यक्ष ममता रांका, तेयुप कोषाध्यक्ष दीपक बोथरा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेंद्र बोथरा, प्रदीप लालानी, राजेंद्र सेठिया, पवन छाजेड़ ने अपने विचार व्यक्त किए। पारिवारिक सदस्यों ने गीत की प्रस्तुति दी। सम्मान के क्रम में अमरचंद सोनी, नवरतन बोथरा, जतन संचेती, ममता रांका, कविता चोपड़ा, मधु छाजेड़, मंजु आंचलिया, बिदु छाजेड़, रेणु बाफना, भरत गोलछा, दीपक बोथरा एवं देवेंद्र डागा आदि पदाधिकारियों ने तपस्वी का साहित्य व अनुमोदना पत्र द्वारा सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री रतनलाल छलाणी ने किया।