स्वर साधना से मिल सकती है सिद्धि, शांति और सफलता
किलपॉक।
मुनि सुधाकर कुमार जी ने ‘भाग्योदय का अद्भुत विज्ञान-स्वर एवं शगुन विज्ञान’ विषय पर तेयुप की आयोजना में कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुनि सुधाकर कुमार जी ने कहा कि आत्मदर्शन, आत्म रमण, आत्म मंथन, आत्म शक्ति जागरण में स्वर विज्ञान सशक्त माध्यम है। स्वर विज्ञान प्रभावी विद्या है। उसको साधने के लिए श्रद्धा, विश्वास और समर्पण जरूरी है। मुनिश्री ने स्वर विज्ञान को साधना सिद्धि और सफलता का प्रयोग बताया। आरोग्यता का सूत्र व तेजस्वी एवं आभामंडल निर्माण का प्रभावी प्रयोग बताया। तेरापंथ के आचार्यों की अनुभूति से निष्णांत शगुन विज्ञान के बारे में जानकारी दी।
विशिष्ट अतिथिगण आनंद राव विष्णु पाटिल, राज्यपाल के प्रधान सचिव ने कहा कि तेयुप के त्रिआयाम सेवा, संस्कार, संगठन को अपनाकर चला जाए तो भारत सुपर पावर बन सकता है। साधु-साध्वियों की अपनी साधना से, अनुभव से अनुभूत वाणी सुन आचरण करने से हम जिंदगी में आगे बढ़ सकते हैं। विशिष्ट अतिथि सुनील माथुर आयकर जाँच महानिदेशक ने अति उपभोक्तावादी प्रवृत्ति के कारण अत्यधिक खनिज पदार्थों के दोहन से उत्पन्न पर्यावरण प्रदूषण, मौसम परिवर्तन को रोकने के लिए मुनि-ऋषियों की जीवनशैली को उपयोगी बताया।
मुनि नरेश कुमार जी ने महामंत्र नवकार संगीत से स्तुति की। नमस्कार महामंत्र से प्रारंभ कार्यक्रम में परमार परिवार की बहनों ने मंगलाचरण एवं अंत में कृतज्ञता के साथ विदाई गीत की प्रस्तुति दी। स्वरूपचंद दांती ने गीत की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर अभातेयुप कोषाध्यक्ष भरत मरलेचा, रमेश सुतरिया, भरत टाटिया इत्यादि अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। तेयुप अध्यक्ष विकास कोठारी ने स्वागत एवं आभार ज्ञापन हर्षा परमार ने किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मंत्री संदीप मूथा ने प्रायोजक अशोक कुमार उगमराज परमार परिवार के प्रति धन्यवाद दिया। कार्यक्रम संयोजक दिनेश भंसाली के साथ तेयुप कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा। तेयुप द्वारा अतिथियों का सम्मान किया गया।