मासखमण तप अभिनंदन

मासखमण तप अभिनंदन

विल्लुपुरम
साध्वी उज्ज्वलप्रभा जी के सान्‍निध्य में संगीता ए0 बाफणा के मासखमण का प्रत्याख्यान एवं तप अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया। चातुर्मास प्रारंभ होने से पूर्व ही यहाँ तपस्या की झड़ी लग गई थी। कई भाई-बहनों की पंचोला, अठाई, नौ आदि की तपस्या पूर्ण हो चुकी है। और कई के तपस्या का क्रम प्रवर्धमान है। एकांतर, एकासन, बारी के उपवास का सुंदर क्रम चल रहा है। साध्वी उज्ज्वलप्रभा जी ने कहा कि तप कषाय मुक्‍ति एवं आत्म शुद्धि का अभियान है। तपस्या के ताप से कर्म शिलाएँ पिघलने लगती हैं।
साध्वी अनुप्रेक्षाश्री जी ने कहा कि आत्मा ज्योति और तप की ज्योति, श्रद्धा के बल पर जागृत होती है। श्रद्धा बल एक ऐसा बल है जिससे व्यक्‍ति अचिंत्य लाभ प्राप्त कर लेता है। साध्वी प्रबोधयशा जी ने कहा कि तपस्वी आचार्य भिक्षु ने तेरापंथ की नींव तप और त्याग से रखी है।
कार्यक्रम का मंगलाचरण के द्वारा शुभारंभ किया कन्या मंडल की कन्याओं ने। स्थानीय सभा, तेयुप एवं महिला मंडल से महेंद्र धोखा, विशाल सुराणा एवं राखी सुराणा ने अपने भाव गीतिका एवं विचारों द्वारा व्यक्‍त किए। महिला मंडल की अध्यक्षा ने तपस्वी की अनुमोदना हेतु संपूर्ण विल्लुपुरम तेरापंथ समाज की ओर से छोटे-छोटे त्याग रूपी भेंट तपस्वी को प्रदान किए। राजेश सुराणा ने असाधारण साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी द्वारा प्रदत्त मंगल संदेश का वाचन किया। मूर्तिपूजक संघ के राजेंद्र नाहर, स्थानकवासी संप्रदाय से रिकबचंद बंब एवं प्रवीण दुगड़ ने अपने विचार एवं गीतिका प्रस्तुत किए। पारिवारिक अनुमोदना के क्रम में दोहित्रीद्वय कृषि व कृति गादिया, प्रतिभा झाबक, यशोमती संचेती, संगीता बाफना, दिशा बाफणा, महिमा बरड़िया और उपासक पदम आंचलिया ने अपने विचार गीतिका एवं कविता द्वारा प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सन्मतिप्रभा जी द्वारा किया गया।