मनोबल से होती है तपस्या

मनोबल से होती है तपस्या

साहुकारपेट, चेन्‍नई
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्‍निध्य में तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में सोहनलाल रायसोनी के मासखमण तपस्या पर तप अनुमोदना का कार्यक्रम तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा जैन धर्म में तपस्या का महत्त्वपूर्ण स्थान है। तप के प्रभाव से मनुष्य अचिन्त्य शक्‍तियों और लब्धियों को प्राप्त कर लेता है। भगवान महावीर ने इसे कर्म निर्जरा का श्रेष्ठ साधन बताया है।
सोहनलाल रायसोनी ने मासखमण कर नए इतिहास का सृजन किया है। सुद‍ृढ़ मनोबल वाला व्यक्‍ति ही तपस्या के क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है। तपस्या में शरीरबल से ज्यादा मनोबल एवं संकल्पबल काम करता है। परिवार के सहयोग एवं गुरुकृपा से आज इनका संकल्प फलवान बना है। तपस्या के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहें, मंगलकामना।
साध्वी कर्णिकाश्री जी, साध्वी सुधाप्रभा जी, साध्वी समत्वयशा जी व साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने तप अनुमोदना गीत का संगान किया। महिला मंडल ने गीत की प्रस्तुति दी। सुनिता रायसोनी ने विचार व्यक्‍त किए। रायसोनी परिवार की बहुओं, पोतियों ने गीत प्रस्तुत किया। पोतों ने लघु नाटिका के द्वारा तप की अनुमोदना की। मंच संचालन करते हुए सभा मंत्री गजेंद्र खटेड़ ने साध्वीप्रमुखाश्री के संदेश का वाचन किया।