मासखमण तप अभिनंदन समारोह का आयोजन

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मासखमण तप अभिनंदन समारोह का आयोजन

गंगाशहर।
तेरापंथी सभा द्वारा तपस्विनी शानू मालू के मासखमण तपस्या करने पर शासनश्री साध्वी शशिरेखा जी एवं साध्वी ललितकला जी के सान्निध्य में मासखमण तप अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। साध्वी शशिरेखा जी ने तप का महत्त्व बताते हुए कहा कि तपस्या मोक्ष प्राप्ति का एक साधन है। तपस्वी तप के द्वारा अपने पूर्व जन्मों के संचित कर्मों को काटता है। अपनी आत्मा को उज्ज्वल बनाता है। साध्वी ललितकला जी ने कहा कि तपस्या करना बहुत कठिन है। उन्होंने तप शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि त से आशय तपना व प से आशय पकना है अर्थात् जो तप करके पकता है, वही लाभकारी है।
साध्वीवृंद ने गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ तपस्विनी बहन के पारिवारिकजन द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी द्वारा प्रदत्त संदेश का वाचन तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी ने किया। तेयुप के कोषाध्यक्ष महावीर बोथरा, महिला मंडल मंत्री मीनाक्षी आंचलिया ने तप अनुमोदना व्यक्त करते हुए अपना वक्तव्य दिया। सुमधुर गायिका कोमल पुगलिया ने तप की महिमा व्यक्त करते हुए गीतिका प्रस्तुत की। सभा अध्यक्ष अमरचंद सोनी, जीवराज सामसुखा, पवन छाजेड़ व मदनलाल बोथरा ने तपस्विनी शानू मालू का जैन पताका, साहित्य व अभिनंदन पत्र से सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन रुचि छाजेड़ ने किया।