आचार्यश्री महाश्रमण जी ने अनगिनत लोगों को जीने की कला सिखाई

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आचार्यश्री महाश्रमण जी ने अनगिनत लोगों को जीने की कला सिखाई

दिल्ली।
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी के सान्निध्य में महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमण जी का दीक्षा कल्याणक दिवस का कार्यक्रम मनाया गया। जिसमें दिगंबर आचार्य सुनील सागरजी, आचार्य विभक्त सागरजी, ऐकल विज्ञान सागरजी, मूर्तिपूजक गच्छाधिपति धर्मधुरंधरजी, स्थानकवासी संप्रदाय के उत्तर भारतीय प्रवर्तक सुभद्र मुनिजी, उपप्रवर्तक आनंद मुनिजी, साध्वी अणिमाश्री जी आदि का एक साथ उपस्थिति होना भी बड़े गौरव का विषय है।
मुनि कमल कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी ने अपने त्रिसूत्री आयाम के द्वारा केवल जैन को ही नहीं जन-जन को प्रभावित किया है। आपने देश-विदेश की लंबी यात्राएँ करके अनगिनत लोगों को जीने की कला सिखाई। आपके कुशल नेतृत्व में सारा धर्मसंघ स्वस्थ-मस्त और संयम साधना में गतिमान है। आचार्य सुनील सागर जी ने कहा कि महाश्रमण जी की क्षमताओं से सारा जैन समाज लाभान्वित हो रहा है। आचार्य विभक्त सागरजी ने कहा कि इस प्रकार सबका एक साथ एकत्रित होना ही अपने आपमें बड़ी बात है, यह उनके पुण्योदय का प्रमाण है। ऐकल विज्ञान सागरजी ने कहा कि 12 वर्ष में दीक्षित होकर 23-24 वर्ष की उम्र में युवाचार्य के अंतरंग कार्य में सहयोगी बन जाना यह जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि है।
मूर्तिपूजक संप्रदाय के गच्छाधिपति धर्मधुरंधरजी ने कहा कि आज उनके चारित्र का अभिनंदन किया जा रहा है। हमारे लिए चारित्र पूजनीय होता है। उत्तर भारत प्रवर्तक सुभद्र मुनिजी ने कहा कि मैंने कालूगणी को तो नहीं देखा परंतु आचार्यश्री तुलसी, आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी, आचार्यश्री महाश्रमण जी को देखा है तीनों पर कालूगणी का उपकार है जो जैन आगमों का काम हुआ है और जो हो रहा है वह बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। दीपेश मनिजी ने आचार्यश्री महाश्रमण जी के एक-एक अक्षर की नवीन व्याख्या कर सबको आकर्षित कर दिया। साध्वी अणिमाश्री जी ने
आचार्य महाश्रमण जी की विनम्रता, कर्तव्यपरायणता के उदाहरण देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर शासनश्री साध्वी संघमित्रा जी द्वारा निर्मित गीत का दिल्ली के संगायकों ने प्रस्तुत कर समा बांध दिया। मुनि अमन कुमार जी, साध्वी डाॅ0 सुधाप्रभा जी ने भी अपने गीत और वक्तव्य से गुरुदेव का वर्धापन किया।
कार्यक्रम में दिल्ली सभा के अध्यक्ष सुखराज सेठिया, कल्याण परिषद के संयोजक के0सी0 जैन, कृष्णानगर सभा के अध्यक्ष कमल गांधी, शाहदरा सभा के अध्यक्ष पन्नालाल बैद, विकास मंत्र गांधीनगर के अध्यक्ष दीपचंद सुराणा, विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल, पश्चिम विहार से डालमचंद बैद आदि ने अपने भावों से वर्धापना की। तेममं, तेयुप का गीत भी प्रभावशाली रहा। कार्यक्रम में प्रायोजकों, संयोजकों, विधानसभा अध्यक्ष एवं स्थान प्रदाता गुरमीतजी का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संयोजन दिल्ली सभा के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने किया।
मुनि नमि कुमार जी ने 20 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। कार्यक्रम में उपस्थित श्राकव-श्राविकाओं ने अधिक-से-अधिक सामायिक और लगभग 250 एकासन, आयंबिल, एकलठाणा व उपवास आदि किए। कार्यक्रम में अजातशत्रु मांगीलाल सेठिया, संपतमल नाहटा, गोविंदराम बाफना, शांतिलाल जैन, जीतमल चोरड़िया आदि अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभा के कार्यकर्ता, तेयुप, महिला मंडल आदि का सहयोग रहा। आभार ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक मनोज सुराणा ने किया। कार्यक्रम के लाइव प्रसारण हेतु अमर रहेगा धर्म हमारा फेसबुक पेज एवं ऋषभ बैद का श्रम रहा।