जीवन विज्ञान दिवस का आयोजन
साउथ कोलकाता।
मुनि जिनेश कुमार जी व मुनि आदर्श जी का सामूहिक आध्यात्मिक प्रवचन आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि दुनिया में अनेक शक्तियाँ हैंµधन की, सत्ता की, अध्यात्म की। इन शक्तियों का अपना मूल्य है, लेकिन अध्यात्म की शक्ति सर्वश्रेष्ठ है। अध्यात्म जीवन की पवित्रता है। अध्यात्म किसी भी समाज की अमूल्य धरोहर होती है। आध्यात्मिक विकास के लिए भाव क्रिया, प्रतिक्रिया विरति, मैत्री, मिताहार, मितभाषण आदि तत्त्व जरूरी है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि सब जीवों के साथ मैत्री भाव रखने वाला एक-दूसरे के हितों की सुरक्षा करने वाला व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति कर सकता है। मुनिश्री ने कहा कि संतों के परिचय से समाधि मिलती है, गृहस्थों के परिचय से उपाधि बढ़ती है। संत किसी भी संप्रदाय के हों उन्हें आत्मीयता का भाव रखना चाहिए। जीवन विज्ञान आचार्य महाप्रज्ञ जी के उर्वरा मस्तिष्क की देन है। शिक्षा जगत के लिए एक नया आयाम है जीवन विज्ञान विज्ञान के प्रयोग से जीवन में आमूल चूल परिवर्तन आ सकता है।
मुनि आदर्शजी ने कहा कि आध्यात्मिक विकास जिनशासन का लक्ष्य है। छोटे-छोटे प्रत्याख्यान करने से जीवन में खुशहाली आती है। खुश रहने के लिए ज्ञान की आराधना करनी चाहिए। मुनिश्री ने मन, हृदय, आत्मा की विवेचना की। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि जिनेश कुमार जी के नवकार मंत्र से हुआ। मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत का संगान किया। साउथ कोलकाता अध्यक्ष विनोद कुमार चोरड़िया ने स्वागत भाषण किया। मुनि आदर्शजी का परिचय दर्शन भाई ने दिया। तेरापंथ सभा के मंत्री कमल सेठिया ने आभार ज्ञापन किया। संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।